प्रजासत्ता।
हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ के साथ ही अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में एक शातिर ने फर्जी आईजी बनकर और अपने साथियों के साथ मिलकर उद्योगपतियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले को लेकर सीआईडी के भराड़ी स्थित थाने में मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 419, 383 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है।
मामले की विस्तृत जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी का गठन पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में किया गया है। इसके साथ ही एसपी ईओ डब्ल्यू, गौरव सिंह, एसपीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित 2 इंस्पैक्टर, 5 सब-इंस्पैक्टर और 1 एएसआई को इसमें शामिल किया गया है
जानकारी के अनुसार आरोपित विनय अग्रवाल खुद को केंद्र में आईजी बताकर अवैध वसूली करता था और उसने प्रदेश के कई क्षेत्रों में उद्योगपतियों से मोटी रकम वूसली है। छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि जब फर्जी आईजी औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था तो हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी भी अवैध रूप से उसके साथ जाते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि किसी को फर्जी आईजी पर कोई शक न हो।