शिमला|
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसे हिमाचल के विद्यार्थियों को सुरक्षित वापस लाने के सवाल पर जबाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि विद्यार्थियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए जो भी आवश्यक होगा, सरकार उससे पीछे नहीं हटेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर 1100 पर अभी तक 60 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है। सरकार केंद्रीय विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। दूतावास से भी इसको लेकर चर्चा जारी है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद सदन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में हिमाचल के कितने विद्यार्थी फंसे हैं, इसका सरकार के पास अभी कोई सही आंकड़ा नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध चिंता का विषय है। बीते दो दिनों से जो हालात बने हैं, उससे चिंता और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हिमाचल ही नहीं, बल्कि पूरे देश से, खासकर मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए बच्चे फंसे हैं और इनकी संख्या 20 हजार से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन में फंसे हिमाचल के बच्चों को लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में यूक्रेन में फंसे बच्चों की सुरक्षा का दूतावास के माध्यम से आग्रह किया गया है और भारत सरकार से इन्हें सुरक्षित वापस लाने की मांग की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत हुई है और इसमें भी फंसे भारतीयों पर फोकस था।
इससे पहले नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को प्रश्नकाल शुरू होने से पहले यह मामला उठाकर सरकारी खर्च पर विद्यार्थियों की वापसी मांगी। कहा कि यूक्रेन में फंसे लोगों की सुरक्षा का मामला गंभीर है। उन्होंने कहा कि वायरल हो रहे वीडियो में बच्चे डरे हुए हैं। सरकार को इन्हें वापस लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। एयर लाइन का निजीकरण होने से टिकटों की कीमत बहुत अधिक बढ़ गई है। प्रदेश सरकार को यूक्रेन में फंसे हिमाचलियों को वापस लाने के लिए सरकारी धनराशि का इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से हवाई जहाज की टिकटें भी बहुत महंगी हुई हैं और 30-35 हजार की टिकट दो लाख रुपए तक जा पहुंची हैं।
उधर, मुख्यमंत्री ने बताया कि पोलैंड के रास्ते भी भारतीय को यूक्रेन से बाहर निकालने के प्रयास चल रहे हैं। यूक्रेन में फंसे हिमाचल के लोग हमारी जिम्मेदारी है। यह जब तक यूक्रेन में हैं, तब तक वहां सुरक्षित रहें और वापस सुरक्षित देश में लाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार भरसक प्रयास कर रही है।