प्रजासत्ता।
किन्नोर जिला से चोरी हुए चिलगोजा को बरामद करने में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार किन्नौर जिले के उरनी गाँव के निवासी गाँव के मंदिर में अपने स्थानीय देवताओं का स्वागत करने के लिए एकत्र हुए थे। उस दौरा ने अत्यधिक प्रयास से एकत्र किए गए “चिलगोजा” (पाइन नट) के 15 बोरे चोरी हो गए थे। पूरे चिलगोजा स्टॉक की कीमत बाजार में 15 लाख रुपए थी।
चोरी की सूचना पर ग्रामीण बेहद निराश हुए और उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मामले को सुलझाने के लिए सबूत जुटाने में ग्रामीणों ने पूरा सहयोग किया।
एक ग्रामीण ने विशेष रूप से पुलिस को निर्देशित किया कि वास्तव में क्या हुआ होगा। जैसे ही जांच आगे बढ़ी, पुलिस को घटना के समय के सीसीटीवी फुटेज मिले। साथ ही एक संदिग्ध फोन नंबर का पता लगाया गया जो घटना के समय सक्रिय था।
इस दौरान एक कैंपर गाड़ी एचपी 63ए-3409 का एक वीडियो घटना के स्थान से रामपुर की ओर से 2:30 बजे छोड़कर और फिर सुबह वापस लौटते हुए पाया गया। पुलिस द्वारा वाहन के मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो उसने सभी आरोपों से इनकार किया। आरोपित की तलाश पूरी हो चुकी थी।
पुलिस ने रामपुर में वाहन मालिक के परिजनों के बारे में और पूछताछ की तो पता चला कि आरोपित की बहन रामपुर में रहती थी। आरोपित की निशानदेही पर उसकी बहन के घर की तलाशी ली गई और उसमें चोरी हुए चिलगोजा के बोरे बरामद हुए। बहन ने बताया कि उसका भाई चोरी के दिन देर रात आया था और कुछ बोरे गोदाम में छोड़ कर चला गया।
इस मामले की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि अपराधी वही ग्रामीण था जो उन्हें गुमराह करने के लिए ही पुलिस की मदद के लिए आगे आया था। उसने वास्तव में खुद की मदद करने की कोशिश करते हुए पुलिस की मदद करने का नाटक किया। उसके भागने के असफल प्रयासों के बावजूद पुलिस अंततः उसे पकड़ने में सफल रही। ग्रामीणों को आखिरकार उनका चिलगोजा बैग वापस मिल गया और पुलिस ने पेशेवर जांच और लगातार प्रयास से मामले को सुलझाया।