सोलन|
डॉ.परविंदर सिंह अरोड़ा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश(पॉक्सो कोर्ट) सोलन की अदालत ने
नाबालिग के साथ जबरन यौन संबंध बनाने का आरोप एक युवक को दोषी ठहराते हुए 18 साल कठोर कारावास और 25.000/- रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई है। दोषी युवक राम सिंह नालागढ़ को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। आरोपी को नाबालिग के साथ जबरन यौन संबंध बनाने का आरोप में आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत यह सजा सुनाई गई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, वर्ष 2016 में घटना के समय पीड़िता की उम्र 6 वर्ष थी। बच्ची अपने भाई के साथ घर के बाहर खेल रही थी। आरोपी ने चतुराई से पीड़िता के भाई को उसकी मां से मोबाइल लाने के लिए भेजा और उसके जाने के बाद पीड़िता का मुंह बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के भाई ने थाल में गवाही दी जब उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो आरोपी ने दरवाजा खोला और उसकी बहन बच्ची रोती हुई बाहर निकली। उसके पिता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा-6 के तहत पुलिस थाना नालागढ़ में मामला दर्ज किया गया था।
मामले की जांच की गई और जांच के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पीड़ित बच्ची के बयान भी दर्ज किया गये। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले का संचालन विशेष लोक अभियोजक सुनील दत्त वासुदेव द्वारा किया गया था।
एल.डी. कोर्ट ने पाया है कि नाबालिग पीड़िता को आरोपी की वजह से मानसिक आघात और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी। उक्त कृत्य का पीडिता के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। अदालत ने तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पीड़िता को राहत और उसके पुनर्वास के लिए 9 लाख रुपये की राशि के मुआवजे के भुगतान की भी सिफारिश की है। मुआवजे की राशि की 80% राशि पीड़ित के नाम एफडीआर के रूप में जमा की जाएगी और 20% राशि पीड़िता के पक्ष में उसके तत्काल पुनर्वास के लिए तुरंत वितरित की जा सकती है।