शिमला|
शिमला जिले के कोटखाई के नेहराघाटी में 19 मार्च 2017 को पत्नी व चाचा ससुर की हत्या करने के दोषी कमल सिंह बहादुर को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ठियोग प्रवीण चौहान ने सुनाई है। हत्या के केस की पैरवी अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला उप न्यायवादी भगवान सिंह नेगी ने की।
उन्होंने बताया कि यह मामला वर्ष 2017 का है जब मार्च में कमल बहादुर पत्नी व चाचा ससुर नेपाल से शिमला आकर कोटखाई के नेहराघाटी में आकर प्रोमिला देवी के घर पर रुके और उसी रात दोगरी में ठहरे। अगली सुबह बीतने के बाद भी शाम तीन बजे तक जब ये लोग अपने कमरे से नहीं निकले तो प्रोमिला देवी इन्हें देखने दोगरी में गई तो व्यक्ति और महिला खून से लथपथ जमीन पर पड़े हुए थे। तीसरा नेपाली वहां से गायब था।
पुलिस ने हत्या के इस मामले की जब जांच शुरू की तो पुलिस ने कमल बहादुर को हत्या के आरोप में 23 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके कब्जे से वारदात में प्रयोग किए घण, चाकू व छुरी को बरामद किया था।
इस मामले की जांच कोटखाई थाना के तत्कालीन एसएचओ रजनीश ठाकुर व उनकी टीम ने की थी। पांच साल बाद सोमवार को कमल बहादुर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।