प्रजासत्ता न्यूज। नाहन
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का था केस अदालत में मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने की उन्होंने बताया कि मामला 4 सितंबर 2010 का है। पांवटा के गोंदपुर में मैसर्ज पाठक क्लीनिक चलाने वाले विश्वजीत पाठक की दुकान पर तत्कालीन ड्रग निरीक्षक निशांत सरीन ने छापेमारी की। इसके बाद ड्रग निरीक्षक सन्नी कौशल ने इस मामले की गहन तफ्तीश की और फाइल अदालत में पेश की।
वहीं, मौजूदा समय में नाहन की ड्रग निरीक्षक भूमिका मंगला ने बड़ी सूझबूझ से इस मामले के सभी गवाहों को अदालत में पेश किया । उप-जिला न्यायवादी एकलव्य ने बताया कि क्लीनिक संचालक दुकान पर छापेमारी के दौरान नशीली दवाइयों के साथ-साथ अंग्रेजी दवाएं मिली थीं। मौके पर संचालक दवाइयां रखने का कोई लाइसेंस पेश नहीं कर पाया था। तीनों ड्रग निरीक्षकों की कड़ी मेहनत के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया।
इस मामले में विशेष न्यायाधीश जसवंत सिंह की अदालत में आज 15 जनवरी 2021 को अभियुक्त को आरोपी मानते हुये ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स की धारा 27 (बी) (ii) के अंतर्गत 5 साल का कठोर करावास और एक लाख रुपये जुर्माना, जुर्माना न दे पाने की एवज में एक साल की साधारण कारावास सज़ा और इसके अलावा ड्रग कॉस्मेटिक एक्ट 28 के तहत एक साल की कठोर करवास व बीस हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है और जुर्माना न अदा कर पाने की सूरत में तीन महीने की अतिरिक्त सज़ा होगी । दोनो सज़ायें एक साथ चलेंगी कुलमिलाकर 5 साल की सजा और एक लाख बीस हज़ार जुर्माना है।
आपको बता दें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति या फर्म राज्य सरकार द्वारा जारी उपयुक्त लाइसेंस के बिना औषधियों का स्टाॅक, बिक्री या वितरण नहीं कर सकता।