शिमला|
हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन को लेकर हाल ही में शिमला में सरकारी कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव किया था। इस प्रदर्शन के दौरान एक नारा खूब चला। ‘जोइया मामा मानदा नहीं, कर्मचारी री शुणदा नहीं‘ नारा खूब चला और प्रदर्शन के बाद चर्चा में आ गया और विधानसभा के भीतर तक इसकी गूंज सुनाई दी।
लेकिन जिन सरकारी कर्मचारियों ने धरने के दौरान यह नारा लगाया था, उन पर सरकार ने ट्रांसफर का डंडा चलाया और 4 शिक्षकों का सरकार ने हार्ड एरिया में तबादला कर दिया था। इसके विरोध में एक शिक्षक ओमप्रकाश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
जिस पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक को राहत देते हुए उन्हें उनके पसंद के स्टेशन में तबादला कर दिया। शिक्षक ने कुपवी के हार्ड एरिया में राजकीय उच्च पाठशाला बाग में ज्वाइनिंग दे दी है। कोर्ट में याचिकाकर्ता अधिवक्ता कुलभूषण खजूरिया ने दलील दी थी कि वह दो बार हार्ड एरिया में सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें कि तबादला नीति के अनुसार जिसने भी यह समय पूरा कर लिया है, उसे दोबारा ऐसे क्षेत्र में नहीं भेजा जा सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षक को अपनी पसंद के पांच स्टेशन बताने के लिए कहा था। इनमें चार बाहरी जिले के देने थे। याचिकाकर्ता के वकील खजूरिया ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने उन्हें सिरमौर जिले के सीमावर्ती शिमला जिले की कुपवी तहसील में राजकीय उच्च पाठशाला बाग स्टेशन दिया है।
गौर हो कि ओल्ड पेशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव प्रदर्शन के दौरान ‘जोइया मामा मानदा नहीं, कर्मचारी री शुणदा नहीं‘ नारा लगाने से नाराज सरकार ने ओम प्रकाश को सिरमौर के हलांह स्कूल से शिमला जिले की ननखड़ी तहसील की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोली के तहत मिडल स्कूल सरोग ट्रांसफर कर दिया था।