प्रजासत्ता|
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 23 अप्रैल को हिमाचल के कांगड़ा जिला में जनसभा संबोधित करने के लिए आने वाले हैं। इससे हिमाचल की सियासत अभी से गरमाने लगी है। खासकर मनीष सिसोदिया के 1000 भाजपा नेताओं के आप में शामिल होने के बयान ने भारतीय जनता पार्टी की नींद उड़ा दी है।
बता दें कि दिल्ली के बाद पंजाब में आप की शानदार जीत के बाद कांग्रेस और भाजपा के काफी नेता आम आदमी पार्टी से जुड़े इससे इन दोनों दलों में सियासी घमासान मचा हुआ है। हिमाचल में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं पहाड़ों पर गर्मी के साथ साथ सियासी पारा भी दिन प्रतिदिन चढ़ता जा रहा है। विशेषकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के सियासी हमलों ने राजनीतिक माहौल में गर्माइश पैदा कर दी है।
बेशक अब तक आप पार्टी से कोई बड़ा चेहरा नहीं जुड़ा है, लेकिन चंद दिन पहले प्रदेश में एंट्री करने वाली आप के सियासी दाव-पेंचों ने सबको हैरान कर दिया है। वहीँ हिमाचल में नई पार्टी की अच्छी एंट्री के कारण स्थापित पार्टी कांग्रेस चुनावी पिक्चर से ओझल नजर आ रही है।
यह बात बड़ी रोचक है कि कांग्रेस को अब भारतीय जनता पार्टी भी अपना प्रतिद्वंदी नहीं मान रही, बल्कि आम आदमी पार्टी को विरोधी के तौर पर देख रही है। यही वजह है कि भाजपा के प्रदेश व देश के बड़े नेता निरंतर आप पर सियासी हमले कर रहे हैं।
हालांकि कांग्रेस को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है लेकिन उसे आंकने की गलती भाजपा पर ठीक ऐसे ही भारी पड़ सकती है, जैसे उप चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल को पड़ी थी। राजनीति के जानकारों की मानें तो कांग्रेस ज्यादातर वक्त गुटों में बंटी रही है, लेकिन सत्ता में वापसी के लिए चुनाव के दौरान हर बार कांग्रेस एकजुट हो जाती है।