प्रजासत्ता|
दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करने शिमला पहुंचे। इस दौरान दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जयराम सरकार और उनके एक मंत्री के अलावा कांग्रेस और पूर्व सरकारों पर तीखा हमला किया।
सिसोदिया कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश में शिक्षा का बेड़ा गर्ग कर रखा है। हिमाचल में जयराम सरकार स्कूलों को निरंतर बंद कर रही है, ताकि निचले तबके के लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण न कर सके। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने 5 सालों के दौरान शिक्षा को बर्बाद किया है।
सिसोदिया ने कहा कि हिमाचल के 2000 स्कूलों में एक-एक टीचर है। 6000 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल दो ही टीचर है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां एक शिक्षक पांच-पांच कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का 8000 करोड़ का बजट है। प्राइवेट स्कूल बढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूल कम हो रहे हैं। यही वजह है कि 2015 में सरकारी स्कूलों में 10 लाख बच्चे पढ़ते थे। आज इनकी संख्या 8 लाख रह गई है। हिमाचल के मुख्यमंत्री प्राइवेट कालेज का इश्तिहार देते हैं। अपने सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने जयराम सरकार के एक मंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मंत्री के बेटे की शादी हुई है। मंत्री बनने से पहले तक वह दो कमरों के मकान में रहता था। मंत्री बनने के बाद बेटे की शादी की दिल्ली से लेकर शिमला तक 10-10 बड़ी बड़ी रिसेप्शन दी जाती है। उन्होंने सवाल किया कि मंत्री के पास इतना पैसा कहा से आया।
सिसोदिया कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस ने पांच सालों में ही शिक्षा को बेहतर किया गया है। दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य जहाँ बजट का 25 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रहा है। दिल्ली में कभी भी शिक्षा के लिए बजट की कमी नहीं पड़ी है। वहीं हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शौचालय तक नहीं है। कम से कम महिला शिक्षकों के लिए तो शौचालय बना लेते।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दुनिया के विकसित देशों के शिक्षण संस्थानों में अपने प्रिंसिपल को भेजकर ट्रेनिंग दिलवाई। इससे दिल्ली के स्कूलों का वातावरण बदला और आज दिल्ली के स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं।
रोजगार और शिक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि हिमाचल में थोक में उद्योग स्थापित किए गए लेकिन प्रदेश का विकास नहीं हुआ। क्योंकि उद्योगों का पैसा यदि प्रदेश के विकास पर खर्च किया होता तो सरकार के पास आज स्कूल खोलने के लिए बजट की कमी नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योगों का पैसा भाजपा नेता ले गए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता ने शिक्षा के नाम पर वोट देने की कसम खा ली है।
सिसोदिया ने कहा कि हिमाचल की जनता ने कांग्रेस भाजपा को इतने साल दे दिए है। इस बार पांच साल आम आदमी पार्टी को देकर देखें। प्रदेश के स्कूलों की तस्वीर बदल दी जाएगी। जैसे स्कूल दिल्ली में बनाए गए हैं। हिमाचल में भी वैसे मॉडल स्कूल बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के आने के बाद पहली बार चुनाव में शिक्षा को लेकर बातें होने लगी है। मुख्यमंत्री ने मंडी में सरकारी स्कूल की जमीन कैसे ठेकेदार को बेचने के मामले में मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसे मुद्दा बनाया जाएगा।