प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकी प्रदेश में इस कोर्स करवाने वाला कोई भी एनटीटी संस्थान नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे में प्रदेश से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करने वाले हजारों अभ्यर्थी प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए हैं। इस बाबत शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है।
गौरतलब ई कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए 4,000 शिक्षकों की भर्ती की जानी है। ऐसे कोर्ट केस से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों की केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी। केंद्र की ओर से इस बारे में प्रधान सचिव शिक्षा को पत्र भेजा गया है। अब इस मामले से शिक्षा विभाग कैबिनेट को अवगत करवाएगा।
बता दें कि नर्सरी और केजी कक्षाओं के लिए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले एनटीटी के मान्यता प्राप्त संस्थानों की पड़ताल करने के लिए शिक्षा विभाग ने यह जानकारी मांगी थी।
जानकारी अनुसार नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने वर्ष 2010 से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग संस्थानों को मान्यता देना बंद कर दिया है। इसके बावजूद भी देश भर में कई निजी संस्थानों ने दो वर्ष की अवधि का यह कोर्स जारी रखा। प्रदेश में 2010 से पहले प्रदेश में खुले किसी भी एनटीटी संस्थान ने मान्यता प्राप्त नहीं की। हजारों लोगों ने इन संस्थानों से कोर्स किया है