अग्निपथ से आक्रोशित व आंदोलित युवा सरकारी संपत्तियों को न पहुंचाए नुकसान, प्रदेश कांग्रेस ने किया आह्वान
हमीरपुर।
सेना में अग्निपथ योजना के आक्रोश में आंदोलित नौजवानों से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का पक्ष रखते हुए अपील की है कि इस आंदोलन की आग में आक्रोशित नौजवान देश और प्रदेश की संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए नौजवान भविष्य की धरोहर हैं और कांग्रेस की दशकों की कड़ी मेहनत के बाद बनाई गई देश की सरकारी संपत्तियां नौजवानों के भविष्य के लिए हैं। इसलिए बीजेपी के अन्याय से उपजे आक्रोश में सरकारी संपत्तियों को बर्बाद करना सही नहीं है। राणा ने कहा कि बीजेपी की मनमानियों के प्रति नौजवानों को एकजुटता से न केवल मुकाबला करना होगा बल्कि बीजेपी सरकार से इन देश की संपत्तियों को बचाना भी होगा क्योंकि अधिकांश संपत्तियां बीजेपी सरकार बेच चुकी है। अब नौजवानों की एकता ही इन संपत्तियों को बचा सकती है। राणा ने अग्निपथ योजना को नौजवानों को आग में झोंकने की योजना करार दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार विपक्ष और नौजवानों पर आरोप लगाने से पहले यह समझें कि इस आंदोलन के लिए न तो नौजवान किसी सियासी पार्टी द्वारा बुलाए गए हैं और न ही लाए गए हैं। यह बीजेपी की मनमानियों के प्रति नौजवानों का आक्रोश है। जो कि सेना के प्रति सम्मान का जज्बा रखने वाले नौजवानों को सड़कों पर आंदोलित होने के लिए मजबूर कर रहा है। राणा ने कहा कि तीन दिन पहले आनन-फानन में थोंपी गई अग्निपथ योजना में महज दो दिनों में ही दो संशोधन हो चुके हैं जो कि यह साबित करता है कि यह योजना गलत ही नहीं बल्कि जल्दबाजी में भी थोंपी गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लिए नौकरी नहीं है सेना, बल्कि सेना की वर्दी देश की सुरक्षा व सुरक्षा करने वालों के प्रति सम्मान का भाव और भावना है। इस सर्वोच्च सम्मान को फौलादी हौंसला रखने वाले हिमाचली नौजवान बाखूबी निभाते आए हैं। हिमाचल को अब तक चार परमवीर चक्र न बीजेपी के कारण मिल हैं और न ही 2014 के बाद मिले हैं। इस बात को बीजेपी समझे। राणा ने सवाल खड़ा किया है कि बीजेपी को यह बताना होगा कि जब देश में पहले से सामान्य भर्ती प्रक्रिया चल रही है जिसमें प्रति वर्ष 50 हजार नियमित भर्तियां करने का प्रावधान है तो नई अग्निपथ योजना को थोंपने की जरुरत क्यों और क्या है। क्या इस योजना को लागू करने से पहले विपक्ष को विश्वास में लिया गया है या पार्लियामेंट की कोई बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के फौलादी हौंसलों का अंदाजा व सुरक्षा के प्रति सम्मान का जज्बा इस बात से लगा लेना चाहिए कि कोई ही महीना जाता होगा जब सेना में हिमाचली सूरमा की शहादत नहीं होती होगी। राणा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं के बच्चे आर्मी में नहीं जाते हैं। उनके बच्चे बीसीसीआई में अपना भविष्य देखते हैं। टेरिटोरियल आर्मी के नाम पर सेलिब्रिटी बनकर वर्दी पहनना बीजेपी नेताओं के लिए शौक की बात हो सकती है लेकिन कड़ी मेहनत करते हुए धूप, गर्मी, बरसात में सीमाओं पर देशभक्ति के लिए सेना की वर्दी पहनना हिमाचली गबरुओं के लिए गर्व और सम्मान की बात है। इसलिए बीजेपी अग्निपथ योजना पर सेल्समैन की भाषा में हिमाचली सूरमाओं को मार्केटिंग के फंडे पर फायदे न गिनाए। बीजेपी सरकार सेना की सामान्य भर्ती प्रक्रिया को ही बहाल रखे अन्यथा देश और प्रदेश के नौजवानों का आक्रोश से भड़की ज्वाला बीजेपी के सिंहासन को ध्वस्त व राख करके छोड़ेगा।