शिमला।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र में सदन में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सभी सदस्यों को चर्चा का समय न देने पर विपक्ष मुखर हो गया है और सदन में ही हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष सभी विधायकों को बोलने की मांग कर रहा था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हुए जिसके बाद विपक्ष कुर्सियों से खड़े हो गए और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। अविश्वास प्रस्ताव सभी विपक्ष के विधायकों के द्वारा लाया गया था और सभी चर्चा में हिसा लेना चाहते थे, लेकिन ये सरकार घबरा गई है और विधायकों को बोलने का समय नहीं दिया गया। जिसके चलते विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।
उन्होंने कहा कि ये सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है और लोगों का विश्वास इस सरकार से उठ गया है। आज समाज का हर वर्ग इस सरकार से परेशान है। बैक डोर एंट्री से विभागों में नौकरी दे रही है पुलिस भर्ती पेपर लीक हो गया। कर्मचारी सड़कों पर है। महंगाई आसमान छू रही है और ये सरकार किसी वर्ग को खुश नहीं कर पाई है। पुलिस भर्ती पेपर लीक हो गया और सेब कार्टन के दाम बढ़ा दिए हैं और बागवान सड़कों पर हैं। ये सरकार जनता के बीच विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है और इसे सत्ता पर बने रहने का कोई हक नहीं है और अब जनता इसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.
वहीं, कांग्रेस आशा कुमारी ने कहा कि दो तिहाई बहुमत के साथ आज सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन विधायकों को बोलने का मौका ही नहीं दिया, जबकि आज प्रदेश में हर वर्ग इस सरकार के कुशासन से परेशान है महंगाई ने आम लोगों का जीना दुश्वार किया है और ये सरकार किसी भी वर्ग को राहत नहीं दे पाई है। ऐसे में इस सरकार को सता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बता दें कि इससे पूर्व अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कम समय दिए जाने के विरोध में विपक्ष ने पहले सदन में जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की। हालांकि जबरदस्त नारेबाजी और हंगामे के बाबजूद भी प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज सदन में ध्वनिमत से गिर गया।