पालमपुर|
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा भारत सरकार की नाक के नीचे दिल्ली के नोएडा में करोड़ों रू0 से भ्रष्टाचार के बल पर बना हुआ टविन टावर गिरते हुए देश के करोड़ों लोगों ने देखा। टी0वी0 चैनल औेर अखबारें भ्रष्टाचार के टविन टावर के समाचार से भरी पड़ी थी।
उन्होंने इस मामले में सबसे अधिक बधाई उच्चतम न्यायालय को इसलिए दी है कि शायद पहली बार उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सभी जिम्मेदार अधिकारियों के नाम तय करने का काम हुआ। उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि अवैध निर्माण करने का आदेश देने वाले सभी अधिकारियों के नाम बताये जाए। नोएडा प्राधिकरण के 24 अधिकारियों चार बिल्डर दो वस्तुकार जिम्मेदार ठहराये गये है उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. भी दर्ज हो गई है। इसमें 18 अधिकारी सेवानिवृत हो चुके है, 6 निलबिंत हैं।
शांता कुमार ने कहा आज भारत में सबसे बड़ी समस्या प्रतिदिन बढ़ते भ्रष्टाचार की है। टविन टावर गिराने का पहला मौका नही है। देश में कई बड़े नगरों में करोड़ों रू0 के अवैध निर्माण हुए। वर्षो तक उनमें व्यापार चलते रहें। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद अवैध घोषित किए गये और बुलडोजर से उन्हें गिराया गया। उन्होंने दिल्ली में करोड़ों रू0 के ऐसे अवैध निर्माण गिरते हुए देखें है। इस भ्रष्टाचार की असली जड़ वे लोग है जो रिश्वत लेकर अवैध निर्माण होने देते हैं। जब तक उन जिम्मेदार लोगों को सजा नही होती इस प्रकार का भ्रष्टाचार चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि टविन टावर के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नामित किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके विरूद्ध अतिशीघ्र ऐसी कठोर कार्यवाही हो कि भविष्य में कोई इस प्रकार भ्रष्टाचार बढ़ाने की कोशिश न करें। उन्होंने देश की जागरूकता संस्थाओं को भी सावधान किया है कि वे इन सभी नामित जिम्मेदार अधिकारियों को दण्डित करवाने की कोशिश करें। आवष्यकता पड़े तो इसके लिए एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायें।