शिमला।
अप्रैल 2018 में अनुबंध पॉलिसी के तहत 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर नियमितीकरण से वंचित रह गए 5100 अनुबंध पीटीए शिक्षकों को आज प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश सबीना और न्यायधीश सत्येंद्र वैद्य की खंडपीठ ने उन्हें अप्रैल 2018 से नियमित सेवा के लाभ दिए जाने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जनवरी 2015 से अनुबंध पॉलिसी के तहत सेवारत पीटीए अनुबंध शिक्षकों ने अनुबंध की सेवाओं के 3 वर्ष 31मार्च 2018 में पूर्ण कर लिए थे और उनका 3 वर्ष पूर्ण होने पर अनुबंध से नियमित करने की पॉलिसी के तहत नियमितीकरण अप्रैल 2018 से होना था। लेकिन सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की यथास्थिति का हवाला देते हुए अप्रैल 2018 में नियमितीकरण नहीं किया गया। अप्रैल 2020 में माननीय सुप्रीम कोर्ट से पीटीए अनुबंध शिक्षकों के पक्ष में फैसला आने के बाद भी सरकार द्वारा ये नियमितीकरण अप्रैल 2018 के बजाय अगस्त 2020 से किया गया।
मजबूरन अपने अधिकारों के लिए याचिकाकर्ताओं ने माननीय हाई कोर्ट के समक्ष अप्रैल 2018 से नियमितीकरण को लेकर याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने इनकी याचिका को स्वीकार करते हुए आज इन शिक्षकों को अप्रैल 2018 से नियमितीकरण से सभी लाभ देने का निर्णय सुनाया गया।