प्रजासत्ता ब्यूरो |
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा बीते कल हाटी समुदाय को अनसुचित जनजाति का दर्जा देने की मंजूरी की बाद आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एससी समुदाय के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखा गया है। एससी के सभी अधिकार और लाभ वैसे ही बने रहेंगे। इसलिए सभी के अधिकारों को सुरक्षित रखकर ही यह ऐतिहासिक फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने लिया है। इस दौरान जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से विशेष आग्रह किया था कि एससी समुदाय के अधिकारों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। केंद्र ने इस बात को ध्यान में रखा और एससी के कानूनी लाभ को वैसे ही सुरक्षित रखा। जयराम ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 2005 में भी प्रस्ताव केंद्र की यूपीए सरकार को भी भेजा था, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे पूरी तरह से नकार दिया।
जिसके बाद कांग्रेस ने इस पर काम करना छोड़ दिया। अगस्त 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने फिर से इस पर काम शुरू किया, लेकिन फिर से प्रोसेस ढीला हो गया। सीएम ने कहा कि उसके बाद 2018 में वर्तमान सरकार ने इस विषय को केंद्र के समक्ष उठाया। केंद्र की तरफ से एथनोग्राफिक प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालय को भेजा गया. 10 मार्च 2022 को केंद्र को पत्र लिखकर हाटी समुदाय की मांग उठाई गई।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिरमौर के 4 विधानसभा क्षेत्र इसमें आएंगे। पछाड़ के 33 पंचायतें और एक नगर पंचायत शामिल होगी। इस क्षेत्र के कुल 27 हजार 261 लोग इसमें शामिल होंगे।रेणुकाजी के 44 पंचायतें और 122 गांव इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा शिलाई विधानसभा क्षेत्र की 58 पंचायते इसमें आएंगी। कुल मिलाकर 66 हजार 675 लोगों को लाभ होगा। 30 हजार करीब लोग एससी में आते हैं। पांवटा विधानसभा क्षेत्र के 25 हजार 323 लोगों को लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर सिरमौर जिले में 389 गांव और 1 लाख 59 हज़ार 716 लोगों को हाटी के एसटी दर्जा मिलने का लाभ होगा।
बता दें कि चुनावी साल में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के तीन लाख से अधिक लोगों को बड़ी सौगात दी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गिरिपार के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने का निर्णय लिया गया। केन्द्रीय मंत्री मंडल ने केवल हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिया है वहीँ एससी समुदाय के अधिकार्रों को सुरक्षित रखते हुए क्षेत्र को ट्राइबल घोषित नहीं किया गया है। 55 वर्ष से आंदोलनरत लोगों ने इस निर्णय के बाद पूरे गिरिपार में दीवाली जैसा जश्न मनाया है।