प्रजासत्ता ब्यूरो |
हिमाचल के ऊना में हुए अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसर्स लखविंदर सिंह स्टोन क्रशर, मानव खन्ना, नीरज प्रभाकर, विशाल उर्फ विक्की के ऊना, पंचकूला, मोहाली और अन्य ठिकानों पर दबिश दी गई है। ईडी की तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, संपत्ति के दस्तावेज सहित 15.37 लाख रुपये बरामद किए। दस्तावेजों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि आरोपितों ने 35 करोड़ का अवैध खनन किया गया है। हिमाचल के ऊना में कुछ दिन पूर्व भी दबिश दी गई थी। अब दूसरी बार ऐसी कार्रवाई की गई है।
ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि स्वां नदी में आरोपितों ने 35 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार किया है। यह जांच पिछले वर्ष ऊना पुलिस द्वारा दर्ज केस के संबंध में की गई है। हिमाचल पुलिस ने ईडी से मनी लान्ड्रिंग एंगिल की जांच करने का आग्रह किया। हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने भी कार्रवाई करने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि पुलिस खनन माफिया पर कड़ा शिकंजा कसेगी।
ईडी की जांच में सामने यह बात निकल कर सामने आई है कि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कई जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा था। अवैध रूप से खनन की गई अतिरिक्त रेत, बजरी और पत्थर को राज्य सरकार को अपेक्षित रायल्टी/करों के भुगतान के बिना संदिग्ध रूप से ले प्रदेश के बाहर भी ले जाया जा रहा था। इसके अतिरिक्त, पर्यावरणीय मानदंडों का पालन न करने के कारण भी बड़े स्तर पर पर्यावरण की क्षति हो रही थी। अवैध खनन में नदी के तल से रेत का अवैध खनन और खदान से पत्थर का खनन शामिल था।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने इससे पहले पंचायत चढ़तगढ़ के एक कारोबारी व पंजाब के बरारी में दबिश दी थी। दोनों व्यक्ति ऊना में ओपन लीज लेकर खनन करते हैं। पंजाब के व्यक्ति की लीज ऊना के खानपुर में है तो दूसरा व्यक्ति चढ़तगढ़ में किसी के साथ पार्टनरशिप में कार्य करता है। जाहिर है जिला ऊना में बड़े पैमाने पर खनन माफिया सक्रिय है। एनजीटी भी यहां खनन को लेकर संज्ञान ले चुका है। लेकिन खनन माफिया फिर भी खनन में जुटा है।