प्रजासत्ता ब्यूरो |
हिमाचल में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में बारिश से प्रदेश में ठंड बढ़ गई है। बता दे कि मानसून अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचकर एक बार फिर सक्रिय हो गया है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में जहां रुक-रुक कर बारिश हो रही है। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है।
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों में सीजन की सबसे भारी बर्फबारी हुई, जबकि राज्य की राजधानी और मनाली में रात भर बारिश हुई, जिससे पारा कई डिग्री नीचे चला गया।
समय पर हिमपात होने से होटल व्यवसायियों ने शीतकालीन पर्यटकों के आने की उम्मीद में उत्साह बढ़ाया।
ऊंचाई वाले स्पीति और लाहौल घाटियों में मध्यम हिमपात हुआ, जिससे काजा, लोसार और चिचम के हिल स्टेशन और भी मनोरम हो गए। किन्नौर जिले में चीन की सीमा के करीब एक गांव चितकुल के सुरम्य पर्यटन स्थलों के दृश्य वाली पहाड़ियों और मनाली से 52 किमी दूर स्थित राजसी रोहतांग र्दे (13,050 फीट) में बर्फबारी हुई है। वहीँ कांगड़ा जिला के धर्मशाला के आसपास हिमालय की राजसी धौलाधार पर्वतमाला ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया, लाहौल और स्पीति, चंबा, कुल्लू, किन्नौर और शिमला जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में सोमवार रात से हल्की से मध्यम हिमपात हो रहा है, जबकि मध्य और निचली पहाड़ियों में व्यापक बारिश हो रही है। कुफरी, फागू और नारकंडा जैसे आसपास के पर्यटन स्थलों में बारिश हुई। मनाली में न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री रहा, जहां 15 मिमी हिमपात हुआ, जबकि धर्मशाला में 81.3 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है।
प्रदेश में मौसम के करवट लेने और बारिश बर्फबारी के कारण प्रदेश की न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। बढती ठण्ड से लोगों को अभी से सर्दी का एहसास होने लगा है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने गर्म ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर दिए हैं। एक महीने बाद पड़ने वाली ठंड का एहसास मौसम ने अभी से दिलाना शुरू कर दिया है। मौसम के इस बदले मिजाज को देखकर लग रहा है कि इस बार प्रदेश में सर्दी का मौसम लंबा चलने वाला है।