हिमाचल प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में टिकटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी के कई नेताओं ने बगावत कर दी है। बीजेपी के कई नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले में भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं में यह असंतोष देखने को मिला है। नेताओं की ये बगावत विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि ये नेता पार्टी का वोट काटने का काम करेगे।
बीजेपी ने इस बार अपने चार मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया। इनमें जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अलावा विधायक हीरा लाल (करसोग), जवाहर ठाकुर (दरंग) और कर्नल इंदर सिंह (सरकाघाट) को टिकट नहीं दिया गया। जल शक्ति मंत्री की बेटी वंदना गुलेरिया भी उन असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने टिकट बंटवारे पर खुलकर नाराजगी जताई है।
भाजपा ने मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को उनकी जगह धर्मपुर से उतारा है, जिसके बाद गुलेरिया को राज्य भारतीय महिला मोर्चा की महासचिव पद से इस्तीफा देना पड़ा है। गुलेरिया ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी भाषा से कहा कि वह मंगलवार को अपने भाई के खिलाफ निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल करेंगी। एक सवाल के जवाब में गुलेरिया ने कहा कि उन्होंने भाजपा की महिला इकाई के महासचिव पद से इस्तीफा दिया है न कि पार्टी से।
भाजपा के बागी नेता चंद्र मोहन ने सरकाघाट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस बीच, भाजपा के पूर्व मंत्री और छह बार के विधायक रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर ने सुंदरनगर से नामांकन दाखिल किया है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 8 दिसंबर को रिजल्ट घोषित होगा।