शिमला।
हिमाचल प्रदेश के मानव भारती बहुचर्चित फर्जी डिग्री मामले में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की जांच टीम मानव भारती द्वारा जारी की गई डिग्रियों की जांच कर रही है। जांच टीम ने सत्र 2016-17 में जारी की गई डिग्रियों की जांच कर यह रिपोर्ट तैयार की है कि जिसमे 1,775 डिग्रियां सही पाई गई हैं।
गौरतलब है कि मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) में फर्जी डिग्री मामले की जांच कर रही कमेटी ने गुरुवार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी है। जांच कमेटी ने अदालत को बताया कि अब तक की जांच में 1,775 डिग्रियां सही पाई गई हैं। बता दें कि सत्र 2016-17 में जारी की गई डिग्रियों की जांच चल रही है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कमेटी को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में मानव भारती विश्वविद्यालय पर पांच लाख फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है। पुलिस एसआईटी के अनुसार एमबीयू ने विद्यार्थियों को दर्जनों ऐसे कोर्स भी करवा दिए हैं, जिनकी विवि के पास मान्यता नहीं थी। आरोप है कि फर्जी तरीके से करवाए गए इन कोर्सों की हजारों फर्जी डिग्रियां देश भर में बेचकर विवि प्रबंधन ने करोड़ों रुपये कमाए।