प्रजासत्ता ब्यूरो|
एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी में नकली दवाओं के गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद हिमाचल सरकार ने देशभर में अलर्ट जारी किया है। बता दें कि एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब माने जाने वाले बद्दी में नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाने का अवैध कारोबार चोरी छुपे कई उद्योगों में चल रहा है।
पिछले दो साल में बद्दी में नकली दवाएं बनाने वाला चौथे उद्योग का ड्रग विभाग ने पर्दाफाश किया है। दवा नियंत्रण विभाग के निरीक्षकों ने रात भर रेकी कर पहरा दिया और इस गिरोह को पकड़ा। यहां पर नकली दवा का गोदाम ही नहीं बल्कि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनी भी है।
ऐसे में हिमाचल सरकार ने सभी राज्यों के दवा नियंत्रक अधिकारियों को नकली दवाओं को लेकर आगाह करते हुए जांच करने के लिए कहा है। नकली दवाओं के मामले में प्रदेश सरकार लगातार दवा नियंत्रक प्राधिकरण अधिकारियों से रिपोर्ट ले रही है। अभी तक जांच में पाया गया है कि आरोपियों ने नकली दवाओं को उत्तर प्रदेश में बेचा है।
ऐसे में दवा नियंत्रक प्राधिकरण की टीमें वहां भेजी जा रही हैं। अलीगढ़ और इटावा में दो टीमें बीते दिनों से डटी हैं। टीमें मेडिकल एजेंसी को बेची गईं इन दवाओं को खंगाल रही हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में पांच लाख रुपये की नकली दवाओं को बरामद किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए आगरा के रहने वाले मुख्य आरोपी मोहित बंसल के घर से बरामद की गई लूज दवाइयों को कब्जे में ले लिया गया है। इन दवाओं की अभी पैकिंग होनी थी। गत दिन भी मुरादाबाद से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
हिमाचल दवा नियंत्रक प्राधिकरण को आशंका है कि आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी नकली दवाओं की आपूर्ति की होगी। इसको लेकर जांच जारी है। हिमाचल में इन नकली दवाओं की आपूर्ति होने के अभी सबूत प्राप्त नहीं हुए हैं। इस मामले में पकड़े गए आरोपी के पास उत्तर प्रदेश का होलसेल दवा लाइसेंस है। ऐसे में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की टीम यूपी की मेडिकल एजेंसी के पास उपलब्ध आपूर्ति को खंगाल रही है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पंडा ने बताया कि अब तक बद्दी में नकली दवा बनाने वाले चार आरोपियों को पकड़ा गया है। मामला गंभीर है। इस बारे में प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है। राज्यों को अलर्ट किया गया है। दवा नियंत्रक अधिकारियों को अपने-अपने राज्यों में नकली दवाओं की जांच करने के लिए कहा है।
बता दें कि एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी में अवैध तरीके से दवाई का निर्माण होता था। नकली दवाइयों का निर्माण रात को हीकिया जाता था और उसे रातोंरात ही बद्दी से बाहरी राज्यों में सप्लाई भेजी जाती थी। इस काले धंधे में दवा निर्माता लाखों रुपये कमाता आ रहा है। जिन कंपनियों के नाम पर यह दवाई बन रही थी, उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में साख है जिनके नाम से ही नकली दवाई बिकती है।