प्रजासत्ता |
कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को हिमाचल विधानसभा में अपनी सरकार का चौथा बजट पेश किया। जहाँ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी सरकार बजट की सराहना कर रही है,वहीँ विपक्षी दल कांग्रेस ने बजट को कोरी घोषणाओं का दस्तावेज बताया है|
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने थोडा थोडा बजट सभी क्षेत्रों में बाँटने की कोशिश की है| लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात आज के दौर की महंगाई है जिस पर पुरे दस्तावेज में कोई जिक्र नहीं किया गया है| पेट्रोल डीजल कीमतें सबसे ऊंचे स्तर पर है। इसका बजट में जिक्र तक नहीं किया गया। वहीँ उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना की बात की गई है लेकिन सिलेंडर के दाम कम करने को लेकर कोई जिक्र नही किया गया है|उन्होंने कहा कि महंगाई पर यह दस्तावेज़ खामोश हो गया है|
अग्निहोत्री ने जहाँ तक बेरोजगारी की बात की गई है कि 30 हजार पद भरे जायेंगे लेकिन उसमे सारा दारोमदार बैकडोर एंट्री पर हो गया है| स्थाई नौकरी मेरिट पर नौकरियों का तो कहीं जिक्र ही नहीं है| उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बजट को कर मुक्त बताया है, तो मुख्यमंत्री यह सदन में बताये की साल भर कहाँ कहाँ टेक्स नही लगेगा| उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में आंकड़ों की जादूगरी की है| केंद्र आधारित योजनाओ पर कम करने की कोशिश की गई है|
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने चौथे बजट पेश करने की ओपचारिकता निभानी थी वह निभा दी है , जब तीसरे साल की घोषणाए अभी पूरी नहीं हुई है तो चौथे की क्या उम्मीद रखे| उन्होंने मीडिया के सवालों का जबाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यह बताए की जो कोरोना काल में नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की क्या योजना है|
उन्होंने कहा कि पिछले सालों में 50-50 नई योजनाए होती थी लेकिन इस बार महज 12 रह गई है| उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सभी मांगो को पीछे डाल दिया गया है| पुलिस और होमगार्ड के अनुबंध पर कोई बात नही की गई है| कांट्रेक्ट को 3 से घटाकर 2 साल करने पर कोई बात नही की गई है| उन्होंने मीडिया को बताया की यह बजट घाटे का बजट है और घाटा छुपाने के लिए बनाया गया है|