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स्वास्थ्य खंड चंडी के तहत 20 उप केंद्रों में से 10 में लगें ताले,स्वास्थ्य कर्मियों के 40 में से 31 पद रिक्त

जी.एल.कश्यप। पट्टा मेहलोग
दून विधानसभा के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित स्वास्थ्य खंड चंडी के तहत आने वाली 23 पंचायतों के लगभग 64 हजार की आबादी की देखभाल के लिए विभाग द्वारा 20 उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि पिछले 15 वर्षों से लगातार इस जिला से ही तीन स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद भी धरातल स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो सका है।लोगों का कहना है कि पूर्व में भी जिला से दो स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।

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लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने अभी तक इन उप स्वास्थ्य केंद्रों में लटके हुए तालों को खुलवाने की जहमत नहीं की है, जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है।नतीजन ग्रामीण व दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य सुविधाऐं राम भरोसे हो गई है। बता दें कि स्वास्थ्य खंडी चंडी के तहत 20 उप स्वास्थ्य केंद्र विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों में खोले गए हैं। इन केंद्रों में एक मेल व एक फीमेल स्टाफ की नियुक्ति की जाती है।

वहीं समय समय पर ये कार्यकर्ता फील्ड में जाकर लोगों को स्वास्थ्य विभाग की कल्याण कारी योजनाओं,टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं सहित अन्य बीमारियों के बारे में भी लोगों को परामर्श व जागरूक करते रहे हैं।जानकारी के मुताबिक इन 20 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से वर्तमान में 10 केंद्रों में स्टाफ की तैनाती न होने के कारण ये पिछले लंबे समय से बंद पड़े है। वहीं 8 केंद्रों में भी एक-एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ही तैनात है, जबकि हर उप स्वास्थ्य केंद्र में एक पुरुष व एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद होते हैं। वर्तमान में 40 पदों के अगेंस्ट,एक पुरष व केवल 8 महिला कर्मी ही तैनात है,जो कि नाकाफी है।

उप स्वास्थ्य केंद्र बधौनीघाट,चढियार,खरोटा गुनाई, तरंगाला, शेरला, धार मेहता, गोयला, बढलग व हरीपुर बिना किसी कर्मी की तैनाती के बंद पड़े है। इसके इलावा उप स्वास्थ्य केंद्र घरेड, शेरां, बग्गुवाला, भावगुड़ी, जगजीतनगर, दाडवा, बनियारा, नयानगर, रामपुर व घड़सी केवल महिला स्वास्थ्य कर्मियों के सहारे चल रहे हैं।

जबकि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा दो दर्जन के करीब प्रदत रोग उन्मूलन कार्यकर्मों का निर्वहन करना होता है। महिला स्वास्थ्य कर्मियों की ग्रामीण इलाकों में बहुत ही महत्वपूर्ण जिमेदारी रहती है।इस स्वास्थ्य खंड में
20 उप स्वास्थ्य केंद्रों में 40 पदों पर केवल 9 कर्मचारी ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं,जबकि इस
ब्लॉक के अंतर्गत तीन सीएचसी चंडी,पट्टा मेहलोग व बरोटीवाला है। तीन में से केवल सीएचसी चंडी में ही 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है।पट्टा में 4 वर्ष पूर्व जब यह पी एच सी थी तब 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध रहती थी। सीएचसी चंडी व
पीएचसी कुठाड़ में ऑप्थेलमिक अधिकारी के पद खाली है।

वहीं कुठाड़ पीएचसी में भी 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग उठने लगी है। क्योंकि बीते दिनों एक व्यवसाई को उचित इलाज न मिलने से उसको जान से हाथ धोना पड़ा था।कृष्णगढ़ के प्रधान कैलाश शर्मा ने कुठाड़ पीएचसी में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। उधर

सीएचसी बरोटीवाला में हेल्थ सुपरवाइजर, एक्सरे तकनीशियन तथा महिला व पुरुष कार्यकर्ता के पद रिक्त है। बरोटीवाला औधोगिक क्षेत्र होने के कारण यहां पर ड़ेंगू, मलेरिया जैसे कई रोगों की आशंका बनी रहती है जिस कारण यहां पर ओपीडी अधिक रहती है यहाँ पर पर्याप्त स्टाफ तैनात करने की आवश्यकता है।

क्षेत्र की पीएचसी गोयला, हरीपुर, कोटबेजा, व दुर्गापुर धारडी में स्टाफ नर्स का पद ही सृजित नहीं है। ऐसी स्तिथि में गर्भवती महिलाओं को प्रसूता की सुविधा के लिए अन्य स्थानों का रुख करना पड़ रहा है। पट्टा सीएचसी में लैब, एक्सरे तकनीशियन व हेल्थ सुपरवाइजर के पद रिक्त है। उप स्वास्थ्य केंद्र तरंगाला, बधौनीघाट व चढियार में 40-40 लाख रुपए के विशाल भवन मात्र शो पीस बन कर रह गए हैं। खरोटा स्वास्थ्य उप केंद्र का भवन गिरने के कगार पर है।

उधर बीएमओ चंडी डॉ उदित कुमार
ने बताया कि रिक्त पदों के बारे में समय समय पर सरकार को अवगत करवाया जाता है। नई नियुक्तियां होने पर ही रिक्त पदों को भरा जा सकता है।फिलहाल सीपीएस राम कुमार चौधरी के निर्देशानुसार 12 उप केंद्रों में सप्ताह में दो दिन रोटेशन पर एक एक स्वास्थ्य कर्मियों के आदेश जारी कर दिये है। पट्टा सीएचसी के लिए एक और डॉक्टर को प्रतिनियुक्त कर दिया है जल्दी स्टाफ नर्स की तैनाती की जाएगी।

Tek Raj

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