प्रजासत्ता|
कोरोना काल में सरकार ने कई तरह की रियायतें दीं, जिनकी समय सीमा 30 सितंबर को खत्म हो रही है। वहीं, एक अक्तूबर से बैंक, वाहन, ड्राइविंग लाइसेंस चालान के नियमों में कई बदलाव हो रहे हैं।
अक्तूबर माह से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र का रंग, लुक, डिजाइन और सुरक्षा फीचर एक जैसे होंगे। स्मार्ट डीएल और आरसी में माइक्रोचिप व क्यूआर कोड होंगे, जिससे पिछला रिकॉर्ड छुपाया नहीं जा सकेगा। क्यूआर कोड रीड करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को हैंडी ट्रैकिंग डिवाइस दिया जाएगा। अब हर राज्य में डीएल, आरसी का रंग समान होगा व उनकी प्रिंटिंग भी एक जैसी होगी।
बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र का एक साझा मानक प्रारूप और डिजाइन तैयार किया था। इस संबंध में अधिसूचना 01 मार्च, 2019 को जारी कर दी गई थी।
मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन किया था जिससे परिवहन संबंधी दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म देना आसान हो गया और क्यूआर कोड से अधिकारियों के काम में भी आसानी होगी।
सड़क किनारे चेकिंग नहीं
अब ट्रैफिक पुलिस बीच सड़क लोगों को रोक कर गाड़ियों के कागजात चेक नहीं करेगी। इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के जरिए यातायात नियम लागू किए जा रहे हैं। गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिये दस्तावेजों का ई-वैरिफिकेशन होगा। ऐसे में जिन गाड़ियों के कागजात अधूरे होंगे उनको ई-चालान भेजा जाएगा। इतना ही नहीं, ड्राइविंग करते समय मोबाइल से बात करने पर एक हजार से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा।