प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने संबंधी अनुच्छेद 370 के मामले पर शीर्ष अदालत 11 जुलाई को सुनवाई करेगी। इस दिन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मामले पर विस्तृत सुनवाई की तारीख और उसकी समय सीमा तय कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सोमवार (3 जुलाई) को जारी एक नोटिस के अनुसार, पांच न्यायाधीशों की पीठ दिशानिर्देश पारित करने के लिए आईएएस अधिकारी शाह फैसल की तरफ से दायर याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगीपव पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि साल 2010 बैच के आईएएस अधिकारी फैसल अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल आने वाले पहले कश्मीरी हैं। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था। उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया था और जनवरी 2019 में एक राजनीतिक पार्टी ‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ की शुरुआत की थी।
सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था और पेशे से डॉक्टर फैसल को बाद में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में तैनात किया गया था। फैसल ने अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। पांच अगस्त, 2019 को, केंद्र ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
अनुच्छेद-370 समाप्त करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। फैसल ने पिछले साल अप्रैल में एक आवेदन दायर कर उन सात याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने का आग्रह किया था, जिन्होंने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को चुनौती दी है।
बता दें कि साल 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था। इस अनुच्छेद को निरस्त करते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लद्दाख से बिल्कुल अलग कर दिया गया है। अब लद्दाख अलग विधानसभा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के दो संघ राज्य क्षेत्र जम्मू और कश्मीर डिवीजन हैं।