शिमला|
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ हिमाचल प्रशासनिक सेवा की अधिकारी समृतिका नेगी, उपमण्डल दण्डाधिकारी (बल्ह) ज़िला मंडी के साथ नाचन विधानसभा के विधायक विनोद कुमार द्वारा किए गये दुर्व्ययवहार की निंदा करता है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ इस बात को स्वीकारता है कि चुने हुए प्रतिनिधि का कर्त्तव्य जनता के मुद्दे उठाना और उनको सुलझाना है और हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी जनता के मुद्दों को सुलझाने में रात दिन कार्य करते है परन्तु विधायक का व्यवहार और रवैया अत्यन्त निंदनीय है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हर समय पुरी कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करते है और विशेषकर आपदाओं के समय, चाहे वो कोविड – 19 महामारी या वर्तमान आपदा का समय हो, प्रशासनिक अधिकारी दिन – रात अपनी सेवाएँ दे रहे है और आपदा की इस घड़ी में एक महिला अधिकारी, जब वह गर्भवती होते हुए भी बखूबी अपनी सेवाएँ दे रही है के साथ माननीय विधायक का रवैया बहुत ही ग़ैर ज़िम्मेवारदाना और निंदनीय है । माननीय विधायक का इस तरह का रवैया आपदा की इस घड़ी में अधिकारियों को हतोत्साहित करेगा ।
स्मृतिका हिमाचल प्रशासनिक सेवा की प्रतिष्ठित अधिकारी है और उनकी कार्यशैली और कार्यकुशलता सर्वविधित है। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ निर्वाचित प्रतिनिधि के इस रवैये की कड़ी निंदा करता है और आशा करता है कि भविष्य में इस तरह का व्यवहार दोहराया नहीं जाएगा ।
क्या है मामला
मंडी जिले की नाचन विधानसभा क्षेत्र के प्रभावितों को तिरपाल न मिलने को लेकर विधायक विनोद कुमार पहले कानूनगो पर भड़के और उसके बाद एसडीएम बल्ह एसडीएम स्मृतिका नेगी को जाकर जमकर खरी खोटी सुना डाली। अब यह मामला इतना बढ़ गया है कि एसडीएम और पटवार कानूनगो संघ ने विधायक साहब से सरेआम माफी न मांगने पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दे डाली है।
दरअसल नाचन विधानसभा क्षेत्र के बृखमणी, रिफल और शाली के लोगों को तिरपाल देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन बाद में उन्हें तिरपाल देने से मना कर दिया गया। लोगों ने इसकी शिकायत भाजपा विधायक विनोद कुमार से कर दी। विधायक तुरंत कानूनगो कार्यालय पहुंचे और कानूनगो पर आग बबूला हो उठे। इसके बाद वे पहले तहसील कार्यालय बल्ह और उसके बाद एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के कार्यालय में पहुंचे और वहां पर भी जमकर भड़के।
एसडीएम स्मृतिका नेगी इन दिनों गर्भवती हैं और वे बावजूद इसके प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं। वो विधायक के रवैये को देखकर रो पड़ी। विधायक विनोद कुमार के पेज पर यह सारा घटनाक्रम लाईव चलता रहा। मीडिया को दिए अपने बयान में विनोद कुमार ने कहा कि अगर लोगों को दो हजार के तिरपाल के लिए इतनी लड़ाई लड़नी पड़े तो फिर अधिकारी और कर्मचारियों को किस बात के लिए बैठाया गया है