शिमला|
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं, बजट घोषणाओं और इस वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणाओं की प्रगति पर सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि सभी प्रशासनिक सचिव राज्य सरकार की सभी फ्लैगशिप योजनाओं और अन्य घोषणाओं को समयबद्ध पूर्ण करने की दिशा में उचित कार्रवाई करें, ताकि प्रदेशवासी इन योजनाओं से शीघ्र लाभान्वित हो सकें। उन्होंने सभी विभागों को लम्बित फाइलों का शीघ्र निपटारा कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि लोगों को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में आधुनिक तकनीक का समावेश कर सेवाओं को और अधिक सुलभ किया गया है और इससे विभागीय कार्य प्रणाली में भी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के निर्माण, लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए यूवी तकनीक का उपयोग, पर्यटन को बढ़ावा देने और अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी आरम्भ करने सहित अन्य परियोजनाओं को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में संबंधित विभाग समयसीमा तय कर कार्य करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में आईजीएमसी शिमला और चमियाना तथा टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी सुविधाएं शीघ्र आरम्भ जा रही हैं और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग शीघ्र सभी औपचारिकताएं पूरी करें। उन्होंने कहा कि आदर्श स्वास्थ्य संस्थान योजना के तहत ग्रामीण स्तर के 36 स्वास्थ्य संस्थानों में 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है तथा शेष स्वास्थ्य संस्थानों में इसी वर्ष दिसम्बर माह तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी जाएंगी। उन्होंने वन स्वीकृतियों के मामलों के समयबद्ध निपटारे के भी निर्देश दिए ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राजस्व विभाग, पुलिस सहित अन्य सभी विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही है ताकि सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए कई कदम उठा रही है ताकि गांवों में रहने वाले लोग आत्मनिर्भर बन सकें।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सके। इसके साथ ही आधारभूत अधोसंरचना निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण में भी ड्रेनेज एवं क्रॉस ड्रेनेज को अनिवार्य बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क और चिकित्सा उपकरण पार्क के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके तहत 3000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा भी की और कहा कि वह प्रत्येक सोमवार को सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ नियमित आधार पर समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और अन्य प्रशासनिक सचिव भी उपस्थित थे।