प्रजासत्ता|
मनाली-लेह मार्ग के बीच 16 हजार से अधिक ऊंचाई पर पड़ने वाला बारालाचा दर्रा आम लोगों के साथ बीआरओ के लिए परेशानी बना हुआ है। बारालाचा में बर्फबारी के कारण चार अप्रैल से कुल्लू व लाहुल में फंसे लेह के लोग 13 दिन बाद घर पहुंच गए हैं|बीआरओ, लाहौल प्रशासन व पुलिस ने दर्रा के दोनों तरफ बर्फबारी के कारण फंसे लोगों को रेस्क्यू किया है। बता दें कि दारचा में फंसे झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश व नेपाल के 200 से अधिक मजदूर भी सुरक्षित लेह पहुंच गए हैं।
लाहुल-स्पीति पुलिस ने लेह पुलिस के साथ तालमेल बिठाकर बीआरओ की मदद से शुक्रवार को दारचा से 117 यात्री वाहन जिनमें 22 टेंपो ट्रैवलर भी शामिल थे को सरचू की ओर बारालाचा दर्रे से सुरक्षित पार करवाया। हालांकि टैंकर व राशन लेकर जा रहे ट्रक चालकों को अभी राहत नहीं मिली है। लेकिन लेह के ग्रामीणों को बीआरओ व पुलिस टीम ने सुरक्षित बारालाचा के पार भेजने में अहम भूमिका निभाई है।
दरअसल 4 अप्रैल को भारी बर्फबारी होने से मनाली लेह हाईवे तीन बंद हो गया था। हाईव बंद होने से लेह जाने वाले कई कई यात्री बारालाचा में फंसे हुए थे। रेस्क्यू अभियान में दारचा में फंसे 117 वाहनों से 747 लोगों को रेस्क्यू किया है। वहीं लेह से आ रहे चार वाहनों समेत 41 लोगों को दारचा लाया गया है,जो बारालाचा व इसके आसपास फंसे हुए थे। हालांकि अभी कई ट्रक व टैंकर दोनों तरफ फंसे हें। रेस्क्यू टीम में एसडीएम केलांग राजेश भंडारी, पीओ आईटीडीपी रमन शर्मा, जीएम इंडस्ट्रीज नीतिन शर्मा और अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।