धर्मेंद्र सूर्या
गत वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित जिला चंबा के शिक्षक युद्धवीर टंडन को राजभवन में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर किया गया सम्मानित।
गौरतलब है कि इस बार शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला चंबा के दो शिक्षकों को महामहिम राज्यपाल द्वारा राज भवन में सम्मानित किया गया जिसमें जहां एक ओर राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंबा में बतौर जीव विज्ञान प्रवक्ता तैनात दीपक कुमार को राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया तो वहीं दूसरी ओर गत वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने पर शिक्षक युद्धवीर टंडन को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
बताते चलें कि शिक्षक दीपक कुमार जिला चंबा में जीव विज्ञान के उत्कृष्ट अध्यापकों में शुमार है जिनके द्वारा पढ़ाए गए अधिकतर बच्चे वर्तमान समय में अपने-अपने जीवन में सफल मुकाम हासिल कर चुके हैं। इनका बच्चों को जीव विज्ञान पढ़ाने का तरीका नायाब ही नहीं बल्कि अनूठा है। यह मनोरंजक तरीके से जटिल विषय को सरल व सुगम बनाकर बच्चों तक पहुंचने में माहिर है। शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में इनकी दो पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है जो की जीव विज्ञान को सरल तरीके से बच्चों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
युवा शिक्षक युद्धवीर टंडन ने प्राथमिक स्तर पर किए गए नवाचारों को लेकर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं। वर्तमान समय में वे राजकीय प्राथमिक पाठशाला मोड़ा में बतौर कनिष्ठ बुनियादी अध्यापक कार्यरत है। इसके साथ-साथ वे नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन समूह को लेकर एस सी ई आर टी में राज्य स्रोत समूह के सदस्य होने के साथ-साथ राज्य के आईसीटी स्रोत व्यक्ति के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।
यूं तो जिला चंबा को आकांक्षी जिला कहा जाता है लेकिन नित्य नए आयाम जिला चंबा शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित करता जा रहा है। जिसकी एक मिसाल इन दोनों शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर पेश की है। हिमाचल प्रदेश के सबसे दुर्गम व जटिल जिले में से बतौर शिक्षक इस तरह के पुरस्कार प्राप्त करना जिला के लिए एक गौरव की बात है जिसको लेकर संपूर्ण जिला वासी बहुत प्रसन्न है।
इस बाबत अधिक जानकारी देते हुए शिक्षक दीपक कुमार ने बताया कि पुरस्कार मिलने के पश्चात हमेशा की तरह ही वे बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि विकसित करने को लेकर कार्य करते रहेंगे। तो वहीं शिक्षक हित युद्धवीर टंडन ने भी इस अवसर पर बच्चों को यह पुरस्कार समर्पित करते हुए कहा कि एक अध्यापक के लिए उनका वास्तविक पुरस्कार उनके बच्चों के चेहरे की मुस्कान ही होती है।