प्रजासत्ता नेशनल डेस्क | 10 सितम्बर
देश में India Vs Bharat मुद्दे पर बहस लगातार जारी है। जहाँ बीजेपी नेता बार-बार दावा कर रहे हैं देश का नाम इंडिया से भारत होकर रहेगा। इस बीच यूरोप दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेरिस की साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम में कहा कि भारत की आत्मा पर हमला करने वाले लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इस दौरान यूरोप के दौरे के तहत फ्रांस पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत सरकार पर निशाना साधाते हुए इंडिया-भारत (India Vs Bharat )नाम विवाद और हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि जो लोग किसी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने कहा- हमारे संविधान में इंडिया को “डैट इज भारत” को राज्यों के एक संघ के रूप में परिभाषित किया गया है। भारत इन राज्यों से मिलकर (India Vs Bharat) इंडिया या भारत बना है। सबसे अहम बात यह है कि इन राज्यों में शामिल सभी लोगों की आवाज सुनी जाती है और किसी भी आवाज को कुचला या डराया नहीं जाता है।
उन्होंने कहा कि देश को इंडिया या भारत India Vs Bharat कहना ठीक है, लेकिन बदलाव के पीछे की मंशा अधिक मायने रखती है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि सरकार हमारे विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के नाम से चिढ़ती है। इसलिए उन्होंने देश का नाम बदलने का फैसला किया है।
राहुल गांधी ने कहा- मैंने गीता पढ़ी है, उपनिषद पढ़ा है और कई अन्य हिंदू किताबें भी पढ़ी हैं, लेकिन बीजेपी जो करती है उसमें कुछ भी हिंदूवादी नहीं है। इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ है। जो लोग किसी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने (India Vs Bharat)कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और दक्षिणपंथी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अल्पसंख्यकों का दमन करते हुए, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यकों की अभिव्यक्ति को रोकने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा कि मैं ऐसा भारत बिलकुल नहीं चाहता। जहां लोगों के साथ बदसलूकी की जाए। राहुल गांधी ने कहा कि वह देश में ऐसा नहीं होने देने का प्रयास कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने कहा कि यह भारत के लिए शर्म की बात है कि अल्पसंख्यक अपने ही देश में असहज महसूस करते हैं। अगर भारत में 200 मिलियन लोग असहज महसूस करते हैं, अगर सिख समुदाय के लोग इतना असहज महसूस करते हैं, महिलाएं इतनी असहज महसूस करती हैं, तो यह हमारे लिए शर्म की बात है। इसे ठीक करने की जरूरत है।
जानिए चीन से संबंधों पर क्या बोले
राहुल गाँधी ने दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन और भारत-चीन संबंधों पर बोलते हुए राहुल गांधी ने गैर-लोकतांत्रिक राष्ट्र होने के लिए चीन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक समस्या के बारे में चिंतित होने की जरूरत है। यह भारत, यूरोप और अमेरिका – सभी के लिए एक समस्या है। समस्या यह है कि आज सारा थोक उत्पादन, विनिर्माण और मूल्यवर्धन चीन में हो रहा है।
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