शिमला |
Himachal News: भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना से आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब का एक प्रतिनिधिमंडल मिला इस यूनियन का मुख्यालय मोगा पंजाब में है। आजाद टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों ने हिमाचल प्रदेश के भीतर आने वाले टैक्सी या करियर की समस्याएं उनके समक्ष रखी।
भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति प्रतिदिन खराब होती जा रही है भले ही इनके खजाने खाली है पर उनको भरने के लिए बाहर से आने वाली ट्रांजेक्शन पर भारी भरकम टैक्स लगाया जा रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश राज्य की रीड की हड्डी बाहर से आने वाला पर्यटक है और ऐसे पर्यटन विरोधी निर्णय लेकर वर्तमान कांग्रेस सरकार ने दिखा दिया है की वह बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ नहीं है।
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उन्होंने कहा कि हाल ही में 11 जुलाई 2023 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने परिवहन विभाग के माध्यम से एक संशोधित अधिसूचना जारी की थी जिसमें भारी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों पर प्रतिदिन 3000, 4000 और 5000 रुपये का टैक्स लगाया गया था।
उसके उपरांत 4 अगस्त 2023 को एस के गीवा, अंडर सचिव भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश और सभी राज्य सरकारों के परिवहन विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिखा और उसमें पूछा गया कि मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ राज्य अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (परमिट) नियमों 2023, के तहत चलने वाले पर्यटक वाहनों से यात्री कर, सीमा कर, चेक पोस्ट टैक्स आदि के रूप में कर लगा रहे हैं।
पत्र में साफ लिखा है की केंद्र सरकार को एमवी अधिनियम, 1988 की धारा 88 की उपधारा (9) और (14) के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नियम बनाने, पूरे भारत के लिए मान्य पर्यटक वाहनों के संबंध में परमिट देने का अधिकार है। अखिल भारतीय टाउनस्ट वाहन (परमिट) नियम, 2023 नियम 3 में संदर्भित तालिका में निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के बाद जारी किए गए परमिट के बिल पर देश भर में पर्यटक वाहनों की निर्बाध और परेशानी मुक्त आवाजाही के उद्देश्य से बनाए गए थे।
अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (परमिट) नियम, 2023 बिना किसी अन्य प्रकार के कर शुल्क लगाए। यहां यह उल्लेख करना उचित है कि नियम 3 के तहत एकत्रित परमिट शुल्क अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (परमिट) नियमों 2023 के नियम 3 के उप-नियम (2) में निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार अगले महीने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच वितरित किया जाता है और उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुएए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे पूरे देश में अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (परमिट) नियम, 2023 के तहत जारी वैध परमिट के तहत चलने वाले पर्यटक वाहनों से किसी अन्य प्रकार का कर या शुल्क न लगाएं।
इस चिट्ठी के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने अतिरिक्त आयुक्त परिवहन द्वारा 21 अगस्त 2023 को एक सुचात्मक पत्र निकाला गया जिसमें सभी आरटीओ और अतिरिक्त आरटीओ को प्रदेश द्वारा लगाए गए भारी शुल्क को 1 सितंबर 2023 से लागू करने को कहा गया। यह प्रदेश सरकार की पूर्ण मंशा दिखता है कि सरकार जल्द से जल्द अपने आदेशों को प्रदेश में लागू करना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि मैंने इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल शिव प्राप्त शुक्ल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है और इस संदर्भ में संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेने का एक प्रस्ताव भेजा है। हमें लगता है की प्रदेश सरकार के निर्णय से हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विभाग और पर्यटन उद्योग को बहुत बड़ा झटका लगा है।