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राहुल गांधी ने PM मोदी पर साधा निशाना: कहा, जनता के प्राण जाए, पर PM की टैक्स वसूली ना जाए

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी

प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
कोरोना वैक्सीन की कीमतों के बाद अब उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर हंगामा शुरू हो गया है| कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कोरोना वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला| उन्होंने लिखा है कि जनता के प्राण जाए, पर पीएम की टैक्स वसूली ना जाए|

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उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर हैंडल से #GST के साथ “जनता के प्राण जाएं पर PM की टैक्स वसूली ना जाए!” ट्वीट किया है| राहुल से पहले कांग्रेस शासन वाली कई सरकारों ने भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर जीएसटी (GST) वसूलने का विरोध किया था|

केंद्र सरकार कोरोना के टीकों पर राज्यों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है| बीते दिनों राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र द्वारा कोरोना के टीकों पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध किया था| पांच फीसदी जीएसटी के साथ राज्यों को वैक्सीन की एक डोज के ऊपर 15 से 20 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं|

सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड की एक डोज राज्यों को 300 रुपए और भारत बायोटेक कोवैक्सीन की एक डोज 400 रुपए में दे रही है| इसके ऊपर से 5% जीएसटी अलग से लग रहा है| इसके बाद राज्यों को कोविशील्ड की एक डोज 315 रुपए और कोवैक्सीन की एक डोज 420 रुपए में पड़ रही है| इससे राज्यों पर अतिरिक्त खर्चा बढ़ रहा है| इसलिए कई राज्य वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं| वहीं, केंद्र सरकार को दोनों ही वैक्सीन का एक डोज 150 रुपए में मिल रहा है|

बता दें कि केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाली कोरोना वैक्सीन को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा है. सरकार देश में बनने वाली वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड पर राज्य सरकारों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है. कई राज्य सरकारों ने केंद्र को चिट्ठी लिख कर कोरोना वैक्सीन को टैक्स मुक्त करने की मांग की है|

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी केंद्र सरकार से वैक्सीन पर जीएसटी लेने की मांग कर चुके हैं| पटनायक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को दी जाने वाली वैक्सीन पर जीएसटी छूट की मांग की है| आपको बता दें कि ओडिशा में इस श्रेणी के लोगों को फ्री में वैक्सीन लग रही है, लेकिन राज्य सरकारों को वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है|

भारत में इस वक्त तीन वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है| पहली वैक्सीन है कोविशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है और दूसरी है कोवैक्सीन, जिसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर बनाया है| तीसरी वैक्सीन है स्पुतनिक-V, जिसे इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है| ये रूसी वैक्सीन है, जिसे भारत की डॉ. रेड्डी लैब बनाएगी| हालांकि, तक स्पुतनिक-V की कीमतें तय नहीं हुई हैं|

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