शिमला |
Himachal Politics: बीजेपी हिमाचल द्वारा शिमला में मनाए जा विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने कहा कि वर्तमान सुक्खू सरकार अपने एक साल चल जाने का जश्न मना रही है। इस सरकार के पास नाकामियों के सिवा कुछ भी नहीं है फिर भी जश्न मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई योजनाओं को अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों का जश्न मना रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री और बाक़ी नेताओं ने कांग्रेस के आलाकमान को बुलाने की खूब कोशिश की। दिल्ली दरबार के कई चक्कर लगाए लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता सरकार के इस जश्न में आने को तैयार नहीं हुआ। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) तो शिमला आकर भी धर्मशाला की रैली में नहीं गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें पता है कि चुनाव के समय बोले गये हर झूठ का जवाब लेने के लिए प्रदेश के लोग हर सड़क चौराहे पर खड़े हैं और उनके पास जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि कम से कम कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस बात का एहसास है कि इस सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ और क़द्दावर नेता यह जानते थे कि सुक्खू सरकार (Sukhu Government) के पास लोगों को बताने के लिए एक भी उपलब्धि नहीं है इसलिए सरकार की किरकिरी करवाने से बेहतर जश्न से दूरी बना ली जाए। इस बात को लेकर कांग्रेस और सरकार में भी दो फाड़ हो गए। उन्होंने कहा कि झूठ बोलकर बनाई गई सरकार को कांग्रेस अब झूठ बोलकर ही चलाना चाहती है। उन्हें याद रखना चाहिए कि उनके झूठ के दिन अब लद गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए कि यह जश्न किस बात है। प्रदेश में आई आपदा की वजह से हज़ारों लोग बेघर हो गए, पांच सौ से ज़्यादा लोगों की दुःखद मृत्यु हो गई। सड़के, पुल, स्कूल, स्वास्थ्य भवन, पंचायत भवन और जनहित से जुड़े तमाम भवन तबाह हैं। स्कूलों में परीक्षा करवाने के लिए भी कमरे नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि राहत के नाम पर लोगों को ज़ुबानी जमा खर्च की सिवाय कुछ नहीं मिला। लोगों की मांग पर खोले गये जनहित के डेढ़ हज़ार संस्थान बंद कर दिये गये। दस हज़ार से ज़्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया और एक भी नई नौकरी नहीं दी। ऐसे में सरकार द्वारा जश्न मनाने की बातें समझ से परे हैं।