प्रजासत्ता |
Himachal: हिमाचल सरकार पर्यटन विकास एवं पंजीकरण कानून (Himachal Government Tourism Development and Registration Act) में संशोधन करने जा रही है इसके साथ ही बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चल रही इकाइयों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। बता दें कि पर्यटन विकास एवं पंजीकरण कानून में संशोधन के मकसद से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2023 (Registration Amendment Bill 2023) को सदन में पेश किया। विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में पंजीकरण के बगैर चल रही होम स्टे व अन्य पर्यटन इकाइयों पर नकेल कसेगी।
उल्लेखनीय है कि होम स्टे प्रदेश सरकार और बेड एंड बेक्रफास्ट केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की योजना के तहत खोले जाते हैं। इन दोनों योजनाओं के तहत पर्यटकों को ठहराने पर होटलों की तरह किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है।
संशोधन विधेयक के अधिसूचित होने के बाद केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत चल रही होम स्टे और अन्य पर्यटन इकाइयों को 30 दिनों के भीतर दोबारा से पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने वाले इकाइयों को उनके मौजूदा पंजीकरण लाइसेंस की अवधि खत्म होने तक शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद सरकार द्वारा तय पंजीकरण शुल्क अदा करना होगा। पर्यटन इकाइयों को पंजीकरण के तमाम दस्तावेजों व अन्य औपचारिकताओं को 90 दिनों के भीतर पूरा करना होगा।
सरकार ने साल 2002 में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण कानून (Tourism Development and Registration Act 2002) बनाया था। 2002 के कानून में पंजीकरण के बगैर चलने वाले होम स्टे संचालकों को छह महीने की सजा के साथ-साथ 10 हजार रुपए की सजा का प्रावधान भी था। लेकिन सरकार ने संशोधन विधेयक में छह महीने की सजा को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही जुर्माने की राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने का प्रावधान है। कानून में संशोधन के बाद होम स्टे पर्यटन विकास निगम की स्थापना की सूची में शामिल होगा। इसके अलावा संशोधन के बाद पंजीकृत होम स्टे का लाइसेंस दो साल तक वैध माना जाएगा।