Vastu Tips for Home: हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर बनाते समय नींव में कलश या चांदी के नाग-नागिन बनवाकर डाले जाते हैं। मकान बनाते समय नींव में नाग-नागिन का जोड़ा और कलश डालने की यह परंपरा बहुत पुरानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या रहस्य है? दरअसल पुराणों में उल्लेखित कई कहानियों में इसका उल्लेख मिलता है। आइए, जानते हैं इसका क्या रहस्य है।
चांदी के नाग-नागिन या शेषनाग का रहस्य
ऐसा माना जाता है कि जमीन के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। पौराणिक ग्रंथों में शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी होने का उल्लेख मिलता है। नींव पूजन का पूरा कर्मकांड इस मनोवैज्ञानिक विश्वास पर आधारित है कि जैसे शेषनाग अपने फन पर पूरी पृथ्वी को धारण किए हुए हैं।
ठीक उसी तरह मेरे इस घर की नींव भी प्रतिष्ठित किए हुए चांदी के नाग के फन पर पूरी मजबूती के साथ स्थापित रहे। शेषनाग क्षीरसागर में रहतेहैं। इसलिए पूजन के कलश में दूध, दही, घी डालकर मंत्रों से आह्वान पर शेषनाग को बुलाया जाता है, ताकि वेघर की रक्षा करें।
नीव में कलश रखने का रहस्य
विष्णुरूपी कलश में लक्ष्मी स्वरूप सिक्का डालकर फूल और दूध पूजा में चढ़ाया जाता है, जो नागों को सबसे ज्यादा प्रिय है। भगवान शिवजी के आभूषण तो नाग हैं। वहीं वो लक्ष्मण और बलराम भी शेषावतार माने जाते हैं। इसी विश्वास से यह मान्यता शुरू हुई है। कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। कलश में आम का पल्लव (पांच पत्ते वाले), सिक्के, सुपारी रखे जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि घर मकान दुकान या किसी तरह का अन्य प्रतिष्ठान बनवाने से पहले नींव पूजा का ध्यान रखना चाहिए। अगर सही समय पर नींव खुदाई का काम शुरू किया जाए और विधि विधान से पूजन किया जाए तो उससे घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। इसलिए नींव पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए नींव खोदने के उपरांत उसमें कुछ विशेष उपकरण पूजा करके नींव के अंदर रखे जाते हैं।
इस लेख में जानकारी ज्योतिष पर आधारित है प्रजासत्ता इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।