परवाणू |
Parwanoo Municipal Council : हिमाचल प्रदेश की राजनिती में एक बड़ा खेला चला हुआ है ऐसी ही स्थिति परवाणु नगर परिषद में भी कुछ महीनों से बनी हुई है। बीते दिनों परवाणु नगर परिषद की चुनी हुई एक कांग्रेस पार्षद चंद्रवती की शहरी विकास विभाग द्वारा सदस्य्ता रद्द कर दी गई थी। जिसको लेकर पार्षद चंद्रवती ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया जहाँ न्यायलय से पार्षद चंद्रावती को स्टे मिल गई। स्टे मिलने के बाद चंद्रवती अब अपनी बतौर पार्षद जो भी संवैधानिक शक्तियां या नियम होते हैं उनका पूरा उपयोग कर सकती हैं।
परवाणु में यह पहली बार हुआ है जब कांग्रेस के लोग अपनी ही पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों पर कार्यवाही कर रहे है और उनकी सदस्यता रद्द करवा रहे है। बता दे यह मामला सुर्खियों में इसलिए भी रहा क्योंकि कांग्रेस द्वारा कांग्रेस की ही चुनी हुई पार्षद के खिलाफ़ मोर्चा खोला गया था और उसकी शिकायत की थी। शिकायत पर शहरी विकास विभाग ने पार्षद चंद्रवती की सदस्यता रद्द कर दी थी।
इस पुरे मामले पर शहरी विकास विभाग पर भी कई सवाल उठते हैं। उधर, न्यायलय द्वारा स्टे दिए जाने पर पार्षद चंद्रवती ने मीडिया को दिए ब्यान में कहा कि न्यायलय द्वारा उन्हें स्टे दिए जाने पर यह लोकतंत्र की जीत है। वहीं चंद्रावती ने कहा कि भारत के संविधान व न्यायलय पर पूरा भरोसा है और अपने अधिकारों की लड़ाई हम आगे भी लड़ते रहेंगे।
वहीं नप उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह ने कहा परवाणु में कांग्रेस का कांग्रेस के विरुद्ध ही षड़यंत्र रचना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यदि ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में कांग्रेस परवाणु नगर परिषद से बहुमत गवा देगी और इसका नुकसान किसी व्यक्ति विशेष को नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को होगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष व कसौली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को संज्ञान लेना चाहिए।
Shimla News: स्कूल के बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए किया प्रेरित
Himachal Politics: बागी विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर ने सुरक्षित रखा फैसला
Mandi News: नगर परिषद सुंदरनगर के वार्ड नम्बर चार के पार्षद की सदस्यता बरकार, कोर्ट ने सुनाया फैसला