Gagret Assembly By-Election : हिमाचल में हुए सियासी ड्रामे के बाद, 6 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा से प्रदेश में माहौल गरमा गया है। वहीं प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा इस्तीफा देने से अब 9 सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में इन 9 सीटों पर नए उम्मीदवारों की खोज भी शुरू हो गई है। इसी बीच ऊना जिला की गगरेट विधानसभा से भी एक पत्रकार अविनाश विद्रोही ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। जिसके बाद गगरेट विधानसभा में सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल बीते दिन गगरेट से पत्रकार अविनाश विद्रोही ने एक निजी चैनल पर गगरेट विधानसभा से चुनाव लडने की हामी भरी, इसको लेकर अब क्षेत्र में सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। जिसका डर अब बागी विधायक को भी सताने लगा है। उल्लेखनीय है कि अविनाश विद्रोही निष्पक्ष और विभिन्न मुद्दों, जैसे नशा माफिया, खनन माफिया, चिट्टा तस्करों भ्रष्टाचार जैसे संगीन मुद्दों पर निडरता और बैखौफ होकर लिखतें हैं। जिससे गगरेट ही नही बल्कि प्रदेश स्तर पर उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है।
ऐसे में जब उन्होंने एक निजी चैनल पर गगरेट से चुनाव लडने की हामी भरी तो उसके बाद बागी विधायक के कुछ करीबियों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। जिससे यह बात समझी जा सकती है कि अगर विद्रोही चुनाव लड़ते हैं तो वह बड़े अंतर से चैतन्य शर्मा को पटखनी दे सकते हैं।
हमारे पुख्ता सूत्रों के अनुसार बागी हुए विधायक चैतन्य शर्मा को पहले जिला परिषद के चुनाव, और उसके बाद विधानसभा के चुनाव में जीताने के लिए अहम भूमिका निभाई थी। जिसके चलते चैतन्य शर्मा के समर्थकों को यह बात खलने लगी है की अगर अविनाश विद्रोही गगरेट से चुनाव लड़ते हैं तो चैतन्य शर्मा के लिए मुश्किलें खड़ी हो जायेगी। दरअसल अविनाश विद्रोही गगरेट से काफी लंबे समय से पत्रकारिता कर रहें है। ऐसे में जमीनी स्तर पर लोगों से उनका जुड़ाव है।
जिसके कारण कई ऐसे लोगों को यह डर सताने लगा है कि अगर विधानसभा चुनाव में विद्रोही मैदान में उतरते है तो आम लोगों का सहयोग उन्हे खुलकर मिलेगा। विद्रोही के अनुसार वह बिना किसी दल के सहयोग ही चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि गगरेट की राजनीति में अभी तक बाहरी लोग अपना हित साधने वाले ही आए है। वह एक आम इंसान है और गगरेट से संबंध रखते हैं इसलिए गगरेट के लोगों की आवाज बनकर उभरेंगे। उनके अनुसार जो लोग मोटा पैसा खर्च कर चुनाव लड़ते हैं। वह इसकी भरपाई भी बड़े स्तर पर करते हैं जिसका असर हिमाचल की राजनीति में आजकल देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह गगरेट के लोगों की आवाज बनेंगे। बहरहाल यह बात देखने वाली है कि आने वाला समय गगरेट को किस दिशा में लेकर जाता है। करोड़ों खर्च कर चुनाव लडने वाला जीतता है या एक आम इंसान की तरह रहने वाला पत्रकार,, यह कोई अन्य.. ।
जानकारी यह भी मिल रही है कि विद्रोही के इस इंटरव्यू के बाद उन्हें चुनाव न लडने की धमकियां मिलना शुरू हो गई है। उनके चुनाव लडने की खबर से लोगों में भी सियासी चर्चा शुरू हो गई है।
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