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Hing Farming: हिमाचल के किसानों को मिली बड़ी कामयाबी, हींग की खेती से सुधारेगी किसानों की आर्थिकी

Hing Farming: हिमाचल के किसानों को मिली बड़ी कामयाबी, हींग की खेती से सुधारेगी किसानों की आर्थिकी

Hing Farming in India: हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर हींग की खेती की खेती की शुरूआत हुई। भारत में पहली बार हींग (Hing Farming in India) की खेती शुरू करने की कामयाबी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को मिली। वर्ष 2017 में हींग के बीज ईरान और अफगानिस्तान से लाए गए।

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सबसे पहले हिमाचल के केलांग के पास लाहौल इलाके में हींग (Hing Farming)के पौधे लगाए गए। लेकिन अब प्रदेश के चंबा जिले के पांगी, भरमौर और मैहला के किसान हींग की खेती कर रहे है। किसानों को उम्मीद है कि हींग उत्पादन से उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है।

ठंडे इलाकों में ही संभव Hing Farming

हींग की खेती ठंडे इलाकों में ही संभव है। हींग के पौधे की वृद्धि के लिए ठंडी और शुष्क परिस्थितियां आवश्यक हैं। पौधा लगाने के बाद पांच साल में हींग की फसल तैयार हो जाती है। हींग का पौधा चार से पांच वर्ष में रस छोड़ना शुरू करता है। इसी रस से हींग तैयार होती है।

Hing Farming के लिए प्रदेश के पांच जिला में स्थान चिन्हित 

गौरतलब है कि प्रदेश में पांच जिला में ऐसे स्थानों को चुना गया है जहां अब हींग की खेती (Hing Farming) का परिक्षण किया जा रहा है जिसमें सबसे ज्यादा कामयाबी लाहौल में देखने को मिल रही है, जो यहां के किसानों के लिए अच्छे संकेत हैं। यदि भविष्य में किसान और वैज्ञानिक इन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में हींग की खेती को कामयाब करने में सफल होते हैं तो अन्य नकदी फसलों के मुकाबले हींग की खेती कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार हींग को ढलानदार इलाकों में उगाया जा सकता है। इसके लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। हींग की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान होना जरूरी है। इसकी खेती में देसी खाद डाल सकते हैं। कच्ची हींग की गंध बहुत तीखी होती है। इसलिए उसे खाने लायक नहीं माना जाता।

Hing Farming के लिए किसनों का बढ़ रहा रुझान 

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी), पालमपुर द्वारा  समय समय पर किसानों को हींग के पौधे वितरित किए जा रहे हैं।  वहीं, कृषि विभाग भी हींग की खेती को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। हींग की कीमत ज्यादा होने के कारण किसानों का इस ओर रुझान बढ़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में हींग की कीमत 35 से 40 हजार रुपये प्रति किलो है। एक पौधे से करीब आधा किलो हींग मिलता है। इसमें चार से पांच साल का समय लगता है। हिमालयी क्षेत्रों में हींग उत्पादन होने के बाद किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिलेगी। इसे किसानों की आर्थिकी सुधरेगी

हींग की खेती से करें तगड़ी कमाई

बड़ी मात्रा में हींग का आयात करता है भारत

उल्लेखनीय है कि अनूठे स्वाद और महक की वजह से खाने को स्वादिष्ट बना देने वाला मसाले हींग के सबसे बड़े उत्पादक ईरान और अफगानिस्तान माने जाते हैं। भारत भी इन्हीं देशों से हर साल लगभग 900 करोड़ रुपए की हींग का आयात करता है। तेज गंध और छोटे कंकड़ की तरह दिखने वाला हींग बहुत थोड़ी सी मात्र में भी खाने का स्वाद बढ़ा देता है। आज भारत के व्यंजनों में हींग एक जरूरी मसाला है। इसलिए हींग को अफगानिस्तान और ईरान से आयात करना पड़ता है।

Tek Raj

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