Child Marriage Prohibition Bill HP: हिमाचल प्रदेश में लड़कियों के लिए न्यूनतम कानूनी विवाह आयु को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन पेश किया गया। यह विधेयक बिना किसी चर्चा के पास हो गया है। इस विधेयक को बिना किसी बहस के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने (Child Marriage Prohibition Bill HP) विधेयक पेश किया। शांडिल ने कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। अभी भी कुछ लोग छोटी उम्र में शादी करते हैं। इससे बच्चे पढ़ाई नहीं कर सकते और जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने यह भी बताया कि कम उम्र में विवाह करने से अक्सर युवा माताओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है और उनका व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास बाधित होता है।
(Child Marriage Prohibition Bill HP)
यह संशोधन केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु बढ़ाकर 21 वर्ष करने के निर्णय के अनुरूप है, जिसे दिसंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। दरअसल हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट ने इस साल की शुरूआत में इसे मंजूरी दी थी। हिमाचल में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल की जाएगी।
ऐसे में हिमाचल सरकार के इस (Child Marriage Prohibition Bill HP) विधेयक पर राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। जिसके बाद हिमाचल में लड़का और लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल हो जाएगी। बता दें कि बाल विवाह संशोधन विधेयक हिमाचल पास हो गया है।
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