Himachal News: हिमाचल प्रदेश अयोग्य विधायकों की पेंशन बंद करने का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अयोग्य विधायकों की पेंशन बंद करने वाला संशोधन विधेयक (Disqualified MLA Pension Amendment Bill) पास हो गया। अब इसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा जाएगा। राज्यपाल की हरी झंडी के बाद यह कानून का रूप लेगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में यह संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक सदन में बुधवार को चर्चा के बाद पास किया गया। इस कानून (Disqualified MLA Pension Amendment Bill) में व्यवस्था की गई है कि किसी बात के प्रतिकूल होते हुए भी कोई व्यक्ति अधिनियम के अंतर्गत पेंशन का हकदार नहीं होगा।
इसके अलावा यदि उसे संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन किसी भी समय अयोग्य घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इस उपधारा के अधीन पेंशन के अधिकार से वंचित हो जाता है तो उसकी ओर से पहले से ली गई पेंशन ऐसी रीति से वसूली जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बीते दिनों आए सियासी संकट से उबरने के बाद इस तरह का कानून को बनाने का एक कड़ा फैसला लिया है। विस अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बागी छह कांग्रेस विधायकों सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र कुमार भुट्टो, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर और इंद्रदत्त लखनपाल को प्रलोभन में आकर दल बदलने के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया था। सुधीर और लखनपाल तो उपचुनाव लड़कर भाजपा से विधायक बन गए, लेकिन राणा, भुट्टो, चैतन्य और रवि ठाकुर नहीं जीत पाए, जो अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की श्रेणी में हैं।
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