Shimla News: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान चौडा मैदान शिमला में अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। विभिन्न कर्मचारी संगठनों से जुड़े कर्मचारी सुबह करीब 11 बजे जलरक्षक चौड़ा मैदान स्थित अंबेडकर चौक पर एकत्र हुए।
इसके बाद नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़े। हालांकि, विरोध प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस मौजूदगी ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश की। इस दौरान थोडा माहौल भी गरमाया। कर्मचारी आठ साल के भीतर नौकरी नियमित करने समेत अपनी अन्य मांगों को पूरा न करने के विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ‘जल रक्षकों’ को सरकार द्वारा अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया जाता है और उनकी सेवाओं को 12 साल बाद नियमित किया जाता है। जल रक्षक महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।
संघ के अध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए लाल ने कहा, “जिन्हें लाखों रुपये वेतन मिल रहे हैं, उनका समय पर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन जिन्हें केवल 4,000 से 5,000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जा रहा है, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
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