Toilet Seat Tax Controversy: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा शौचालयों की संख्या के आधार पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव की देशभर में खूब फजीहत हो रही है। इस आदेश को लेकर भाजपा और जनता सरकार पर तीखे हमले कर रही हैं, जिससे सरकार की विश्वसनीयता को झटका लगा है। इस अनोखे टैक्स ने न केवल राज्य की सरकार की आलोचना की, बल्कि इसे सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रोल किया गया। लोगों ने इसे “टॉयलेट टैक्स” का नाम देकर खूब मजाक उड़ा रहे, जिससे सुक्खू सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्त गारंटी योजनाओं को लागू करने के बाद कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शौचालय की संख्या के आधार पर टैक्स लगाने संबंधी एक आदेश जारी किया है, जो एक बड़े विवाद का कारण बन गया है। सरकार के आदेश का भाजपा और सोशल मीडिया पर जमकर मज़ाक उड़ाया जा रहा है। हालांकि इसके बाद सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया है।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण का कांग्रेस सरकार पर निशाना
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हिमाचल सरकार को निशाने पर लिया और ट्वीट किया, उन्होंने लिखा “अविश्वसनीय.. नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय बनवाए हैं. लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार टॉयलेट टैक्स लगा रही है।”
जेपी नड्डा ने भी सरकार को घेरा
वहीँ हिमाचल के बिलासपुर में जनसभा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरा। उन्होने कहा “आज सुबह प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से टॉयलेट टैक्स लगाने की बात को सुनकर मुझे हंसी आई, साथ ही दुःख भी हुआ कि देश भर में मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को कहां से कहां पहुंचा दिया। “
क्या था विवादित आदेश (Toilet Seat Tax Controversy)
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में 21 सितंबर को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी की थी और इसमें कहा था कि 25 रुपये प्रति सीट टैक्स लिया जाएगा। जिनके पास पानी का कनेक्शन नहीं है, लेकिन सीवरेज का कनेक्शन लिया गया है। इस मुद्दे पर जमकर बवाल हुआ और सरकार को अपनी नोटिफिकेशन वापस लेनी पड़ी। हालांकि, इस नोटिफिकेशन में 21 सितंबर की ही तारीख दिखाई गई।
वहीँ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हिमाचल जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकारचंद शर्मा ने कहा, “अधिसूचना जारी होने के बाद हम फाइल लेकर डिप्टी सीएम के पास गए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि हर टॉयलेट सीट पर शुल्क लगाना सही नहीं है। इसलिए हमने अधिसूचना रद्द कर दी और टॉयलेट सीट शुल्क रद्द कर दिया है।”
क्या बोले डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि “हमारी सरकार ने कोई टॉयलेट टैक्स नहीं लगाया है और ना ही आगे कभी इस तरह का टैक्स लगेगा। न ही हमारी सरकार ऐसा टैक्स लगने देगी।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 200 रुपये सीवरेज शुल्क लगाया था, जिसे अब उनकी सरकार ने खत्म कर दिया है। भाजपा गलत बयानबाजी कर लोगों को गुमराह कर रही है। “
सीएम सुक्खू ने क्या कहा
दिल्ली में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि “टॉयलेट टैक्स जैसी कोई बात नहीं है। मुझे समझ नहीं आता है कि ऐसी बातें क्यों उठाई जाती हैं। भाजपा ने चुनाव से पहले 5000 करोड़ की रेवड़ियां बाटी थी और पानी का मीटर फ्री कर दिया था। हमने 100 रुपये पर परिवार लेने की बात कही है और ये टॉयलेट टैक्स की कोई बात नहीं है। जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्हें पहले समझना चाहिए कि यह क्या है, फिर कुछ कहना चाहिए और राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। “
पूर्व जयराम सरकार ने भी जारी की गई थी ऐसी ही नोटिफिकेशन
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की बीती भाजपा सरकार में भी कुछ ऐसी ही नोटिफिकेशन हुई थी। हालांकि, इस नोटिफिकेशन में टॉयलेट का जिक्र नहीं था, लेकिन सरकार ने सीवरेज पर टैक्स लगाया था। यह अधिसूचना 6 सितंबर 2018 को राज्य की तत्कालीन सरकार ने जारी की थी, जिसकी कॉपी अब सामने आई है, तत्कालीन एसीएस शहरी विकास विभाग राम सुभाग सिंह ने यह अधिसूचना जारी की थी। इस में कहा गया था कि जिन लोगों के पास सरकार के पानी के कनेक्शन नहीं है, लेकिन वह सरकारी सीवरेज कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनसे 200 रुपये प्रतिमाह सीवरेज चार्जेज शुल्क लिया जाएगा और इसमें हर साल 10% की बढ़ोतरी के आदेश दिए गए हैं।
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