आरबीआई के मौद्रिक नीति की शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक की| जिसके बाद कोरोनावायरस महामारी और आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख नीतिगत दरों को पूर्वस्तर पर बरकरार रखने का फैंसला किया गया है| रेपो रेट (Repo Rate) को चार फीसदी पर ही रखा गया है|
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है| हालांकि, यह सुधार एकसमान नहीं है| दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं| उन्होंने उम्मीद जताई है कि चौथी तिमाही तक GDP दर घनात्मक यानी पॉजिटिव हो जाएगी|
महामारी के बाद पहली बार GDP अनुमान देते हुए रिजर्व बैंक ने GDP के वित्तवर्ष 2020-21 में 9.5 फीसदी सिकुड़ने की आशंका जताई| आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खरीफ फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले बढ़ गई है| अनाज उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने की उम्मीद है|
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से पलायन कर गए प्रवासी मजदूर काम पर लौट रहे हैं| रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया