Himachal News: हाईकोर्ट का हिमाचल पर्यटन विकास निगम को घाटे में चल रहे 18 होटलों को बंद करने का आदेश

Himachal Tourism News : हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल पर्यटन विकास निगम के घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवम्बर 2024 से बंद करने का सख्त आदेश दिया है।

Himachal News: हाईकोर्ट का हिमाचल पर्यटन विकास निगम को घाटे में चल रहे 18 होटलों को बंद करने का आदेश
Himachal News: हाईकोर्ट का हिमाचल पर्यटन विकास निगम को घाटे में चल रहे 18 होटलों को बंद करने का आदेश

Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने एचपीटीडीसी ( Himachal Tourism Development Corporation) के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के तहत कुल 56 होटल चल रहे हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि एचपीटीडीसी इन होटलों को बंद करे, क्योंकि इनका संचालन घाटे में चल रहा है और इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।

जिन होटलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं उनमे द पैलेस होटल चायल,होटल चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार,होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू,होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू शामिल है।

प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल (Justice Ajay Mohan Goyal) की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में इन सभी 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के लिए कहा गया है।  हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक कोर्ट के आदेश की अनुपालना करवाएंगे। वे इन आदेशों की अनुपालना के लिए निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे।

इस मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। मामले की अगली सुनवाई के दौरान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक (Managing Director of Tourism Development Corporation) को आदेश अनुपालना का शपथ पत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि इन होटलों को चलाने के लिए जो न्यूनतम स्टाफ जरूरी है, वही स्टाफ वहां रखा जाए। बाकी कर्मचारियों को अन्य होटलों में स्थानांतरित कर दिया जाए, ताकि जहां स्टाफ की कमी हो, वहां उसकी भरपाई की जा सके।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी जिक्र किया है कि एचपीटीडीसी द्वारा अपने होटलों की कार्यकुशलता और उपयोगिता का हवाला निराशाजनक था। अदालत ने कहा कि एचपीटीडीसी अपनी संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग कर लाभ अर्जित करने में असमर्थ रहा है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि पिछली सुनवाई में, 17 सितंबर 2024 को उसने एचपीटीडीसी से अपेक्षाएं जताई थीं कि वह अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएगा, लेकिन इस आदेश तक निगम ने इस दिशा में कोई अहम कदम नहीं उठाया है।