Document

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: मंत्री-विधायक सिफारिश कर सकते हैं, जरूरी नहीं तबादला ही कर दिया जाए

Himachal Bhawan Delhi:, Himachal News, CPS Appointment Case, Himachal HIGH COURT, Himachal High Court Himachal High Court Decision Shimla News:

शिमला|
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दल के सदस्य की सिफारिश के आधार पर जारी तबादला आदेश रद्द कर दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एक तबादले के संबंध में एक कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी करते हुए राजनीतिक दल के सदस्य की सिफारिश के आधार पर जारी तबादला आदेश भी रद्द कर दिए।

kips1025

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि तबादला आदेश या तबादला रद्द करने के आदेश उन लोगों की सिफारिश से हो रहे हैं, जिनका प्रशासनिक विभाग में कोई स्थान नहीं है। इस तरह का कृत्य प्रशासन के सिद्धांतों के लिए पूरी तरह से घातक है।

न्यायालय ने कहा कि तबादला होना किसी कर्मचारी के लिए जरूरी घटना है, लेकिन यह तबादला आदेश तय सिद्धांतों या दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही होने चाहिए। एक अच्छे प्रशासन के लिए बार-बार तबादला आदेश का भय स्वच्छ प्रशासनिक कार्य में बाधा उत्पन्न करता है।

न्यायालय ने कहा कि कर्नाटक राज्य की तर्ज पर तबादला नीति में अतिरिक्त प्रावधान जोड़े जाने की आवश्यकता है, जहां पर कर्मचारी अधिकार के तौर पर तबादला करने की न तो मांग कर सकता है और न ही राजनीतिक दबाव के चलते किसी के तबादला आदेश जारी किए जा सकते हैं| इसके दौरान कोर्ट कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यक्ति के तबादला आदेशों को कानून के विपरीत पाया और रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में तबादला मामलों की संख्या को कम करना जरूरी है।

कोर्ट ने पहले के एक अन्य मामले में दिए सुझाव का भी उल्लेख किया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार भी हरियाणा की तर्ज पर अपने विभागों, बोर्डों व निगमों जिनमें कर्मचारियों की संख्या 500 से अधिक है उनके लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति बनाए। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि निर्णय की प्रतिलिपि को प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजा जाए, ताकि तबादला नीति में जरूरी संशोधन किया जा सके।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 8 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Latest Stories

Watch us on YouTube