बलजीत| इंदौरा
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा क्रशर उद्योग पर पिशले दिनों जो नए अधिनियम लागू किये गए थे उसके विरोध में पूरे प्रदेश में क्रशर उद्योग मालिक अपने क्रशर बन्द कर हड़ताल पर चले गए थे जिसके चलते जहाँ प्रदेश सरकार को राजस्व में करोड़ो का घाटा पड़ा है|
वही दूसरी ओर खनन सामग्री न मिलने से विकास कार्य पूरी तरह से प्रभावित हुए है वही अगर दूसरी ओर देखा जाए तो क्रशर उद्योग से हजारों परिवार जुड़े हुए है जो भुखमरी की कगार पर बैठे हुए है|
इस सम्बन्धी जब क्रशर मालिको से बात की गई तो उन्होंने बताया कि क्रशर उद्योग सालाना करोड़ो रूपये का सरकार को किसी न किसी रूप में टेक्स देता है| अतः कई परिवारों को रोजगार देता है बावजूद इसके सरकार नए नए कानून हम पर थोप कर क्रशर उद्योग की कमर तोड़ रही है| क्रशर मालिको द्वारा सरकार से अपील की है कि हमारी समस्याओं को गंभीरता से ले व इसका तुरंत हल करे|
वही आज जब नूरपुर क्रेशर एसोसिएशन के प्रधान अशोक इन्दोरिया ने बताया सरकार द्वारा जो नए अधिनियम जोड़े गए है जिनमे खनन करने पर आपराधिक मामला दर्ज करना ईडी के तहत कानूनी कार्यवाही करना दो साल की कैद का प्रावधान करना इत्यादि के तहत जो अधिनियम सरकार द्वारा पारित किया है| उसी के चलते क्रशर उद्योग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है|
वही इस सम्बन्धी बीते वीरवार को पूरे हिमाचल प्रदेश क्रशर यूनियन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जय राम ठाकुर से भी मिले व अपनी समस्या बताई वही मुख्यमंत्री द्वारा उनकी तमाम समस्याओं का हल जल्द ही करने का आश्वासन दिया।