शिमला|
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। एक्टिव केस लगभग दो हजार हो गए हैं। स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। रविवार को 24 विद्यार्थियों सहित 187 कोरोना पाजिटिव केस आए, जबकि शिमला निवासी एक व्यक्ति की महामारी से मौत हो गई। 172 के स्वस्थ होने से अब 1962 एक्टिव केस हो गए हैं।
वहीं हिमाचल प्रदेश में शिक्षण संस्थानों में कोरोना के मामले आने के बाद शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है। निदेशक ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि स्कूल में शारीरिक दूरी के नियम की सख्ती से पालना किया जाए। सुबह स्कूल गेट पर शिक्षकों, गैर शिक्षकों और विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनिंग में कोई कोताही न बरती जाए। यदि किसी में बुखार-जुकाम के लक्षण दिखते हैं तो उसे घर पर आराम करने की सलाह दें।
इसके अलावा उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि 16 से कालेजों में कक्षाएं शुरू हो रही हैं। प्रधानाचार्यों को माइक्रो प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि प्लान इस तरह तैयार करें ताकि ज्यादा भीड़ न हो
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के स्कूलों में 93.95 फीसद शिक्षकों को कोरोना की पहली डोज लगाई जा चुकी है। 16.98 को दूसरी डोज भी लग चुकी है। कुल 46812 शिक्षकों में से 45105 ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है जबकि 6683 ने दूसरी डोज ली है। गैर शिक्षकों में 14879 ने पहली डोज, जबकि 2690 को दूसरी डोज लग चुकी है।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूलों को लेकर दोबारा समीक्षा की जाएगी। विभाग के रिकार्ड के अनुसार अभी तक 128 शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ कोविड पाजिटिव हो चुका है। छह शिक्षकों की मौत कोरोना से हुई है। छठी से लेकर जमा दो तक कुल 479575 विद्यार्थियों में से 211 पाजिटिव हुए हैं। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को दो अगस्त से खोला गया है और स्कूल खुलने के एक सप्ताह बाद ही कुल 52 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूलों को बंद करने का फैसला हो सकता है।