शिमला|
राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन मंगलवार को प्रदेशभर में मंडल, वृत्त, विंग व मुख्यालय स्तर पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेगी। यूनियन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण पर अडिग है। संसद के मानसून सत्र में निजीकरण के बारे में बिजली संशोधन बिल 2021 का ड्राफ्ट लाया जा रहा है।
विद्युत वितरण के लिए मौजूदा लाइसेंसिंग प्रणाली को समाप्त करने का प्रविधान रखा गया है। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण के लिए लाइसेंस समाप्त करने का अर्थ होगा कि निजीकरण की आंधी में विद्युत वितरण का कार्य मनमाने ढंग से कारपोरेट घरानों और ठेकेदारों को दिया जाएगा।
विद्युत वितरण जैसे अति संवेदनशील और तकनीक से अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को निजी घरानों और ठेकेदारों को इस तरह से सौंपा जाना न ही विद्युत उद्योग के हित में है, न ही उपभोक्ता के हित में और न ही कर्मचारियों के हित में है। राज्य इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव तुनज गुप्ता ने कहा कि आंदोलन में इंजीनियर भी साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।