प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सरकार द्वारा सख्ती के आदेश जारी होने के बाद हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर भी एक बार फिर सख्ती कर दी गई है| कोविड की नेगटिव रिपोर्ट व बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के श्रद्धालु और पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं है| ऐसे में पड़ोसी राज्यों से जय-जयकार करते आ रहे श्रद्धालुओं को बिना माथा टेके बॉर्डर से निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है।
वहीँ पड़ोसी राज्य पंजाब में लंगर भी लगे हैं, श्रद्धालुओं के आने पर रोक नहीं, कोई कोविड पाबंदियां नहीं, लेकिन बॉर्डर पहुंचते ही शर्तों के साथ एंट्री मिल रही है। 5-5 दिन से अपने घर से पैदल चले श्रद्धालुओं को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। पुलिस का सख्त पहरा बॉर्डर पर लग चुका है। यहां 72 घंटे पहले की नैगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दोनों डोज के बाद ही किसी को बॉर्डर पार करने और मंदिर में दर्शन करने की इजाजत दी जा रही है।
प्रदेश की सीमाओं पर एक बार फिर पुलिस कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई है। बॉर्डर पर सख्त पहरे के बाद पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रोके जाने से स्थिति काफी तनावपूर्ण रही। तमाम बॉर्डरों पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें देखने को मिलीं। हजारों श्रद्धालुओं को निराश वापस लौटना पड़ रहा है। बॉर्डर के नाकों पर पुलिस जवानों के साथ-साथ दूसरे विभागों के कर्मियों को श्रद्धालुओं के साथ खूब माथापच्ची करनी पड़ रही है। आस्था का सैलाब रुकने को तैयार नहीं है तो कायदे-कानून उन्हें आगे जाने से रोक रहे हैं। कई जगह तो बॉर्डर पर गुस्साए श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी के बीच अपनी नाराजगी का इजहार भी किया।
बॉर्डर से न केवल पैदल चल रहे श्रद्धालु, बल्कि टैम्पो, ट्रॉलियों व निजी गाडिय़ों में आ रहे श्रद्धालुओं को बैरंग लौटाया जा रहा है। केवल उन्हीं बसों को बॉर्डर क्रॉस करने की अनुमति दी जा रही है, जिनके रूट पहले से निर्धारित हैं। इनमें आ रहे श्रद्धालुओं व अन्य लोगों को बॉर्डर पर नहीं रोका जा रहा है।