प्रजासत्ता।
हिमाचल के प्रसिद्ध समाजसेवी संजय शर्मा और उनकी बड़का भाऊ टीम ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश करते हुए सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा के नैनीधार गांव के दिव्यांग बिट्टू को रेस्क्यू किया है। बता दें कि बीते दिनों बड़का भाऊ टीम के संस्थापक संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने दिव्यांग बिट्टू का इलाज करवाने का वायदा किया था । जिसके बाद चंडीगढ़ के एक नामी अस्पताल में डॉक्टरों से समय मिलने के बाद बड़का भाऊ की टीम बिट्टू को लेने चंडीगढ़ से शिलाई पहुंची है।
बता दें कि संजय शर्मा को खुद 15 वीं बार बुधवार को हृदय घात हुआ था, जिसके बाद वह पीजीआई चंडीगढ़ में एडमिट किए गए थे। लेकिन अब जानकारी मिली है उनकी सेहत में काफी सुधार है, जैसे ही उन्हें महसूस हुआ है कि वे अभी बेहतर महसूस कर रहे हैं उन्होने अपनी टीम को दिव्यांग बिट्टू को लाने के लिए चंडीगढ़ से शिलाई भेजा, जहां उनकी टीम बिट्टू इलाज करवाने के लिए उनके गांव से चंडीगढ़ ले गई।
गौरतलब है कि बिट्टू अपने परिवार का इकलौता सदस्य हैं। माता पिता की पहले ही मौत हो चुकी है । जबकि बिट्टू की दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है, हालांकि दोनों बहने बारी बदली बिट्टू की देखभाल कर रही है लेकिन बिट्टू अपने कदमों पर खड़ा हो सके इसी उद्देश्य से बड़का भाऊ टीम ने बिट्टू को गोद लिया है ताकि उसका अच्छे से इलाज हो सके और बिट्टू ठीक होकर एक नई जिंदगी शुरू कर सके।
वहीं बड़का भाऊ टीम के कमल राणा ने बताया कि पिछले कल ही वह बिट्टू को इलाज चंडीगढ़ ले जाना चाहते थे, लेकिन यहां के टैक्सी चालकों के मनमाने किरायों की वजह से यह सम्भव नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने एक टैक्सी चालक से शिलाई से चंडीगढ़ के लिए किराए की बात की तो उसने जहां का किराया महज 6 या 7 हजार होना चाहिए था वहां उसने 13 हजार किराया बताया, ऐसे में टैक्सी चालक की बात से वह काफी आहत हुए और उन्होंने यह फैंसला किया की वह खुद अपनी गाड़ी लेकर बिट्टू को लाने चंडीगढ़ से शिलाई जाएंगे । जिसके बाद बड़का भाऊ टीम अपनी एक गाड़ी लेकर बिट्टू को लाने उसके गांव पहुंची।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है की सिरमौर के टैक्सी किरायों का मूल्य निर्धारण करें ताकि टैक्सी चालकों के मनमानी से गरीब लोगों को आर्थिक नुकसान ना उठाना पड़े।