शिमला|
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एक बार फिर से लापरवाही का मामला सामने आया है. इस बार मामला बच्चे की मौत को लेकर है| दरअसल, आईजीएमसी में कथित गलत इंजेक्शन की वजह से एक 7 माह के बच्चे की मौत हुई है| यह आरोप बच्चों के माता-पिता ने नर्स पर लगाए है|
सोमवार सुबह बच्चे को जैसे इंजेक्शन लगाया उंसके बाद बच्चे के शरीर मे लाल निशान पडऩे लगे और कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई। सोमवार सुबह बच्चे को जैसे इंजेक्शन लगाया उंसके बाद बच्चे के शरीर मे लाल निशान पडऩे लगे और कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे के माता-पिता परीक्षा रावत और त्रिलोक रावत का कहना है कि उनका बच्चा खांसी- बुखार से पीड़ित था| ऐसे में 17 सितंबर को उसे आईजीएमसी अस्पताल में लाया गया, जहां सोमवार सुबह तक बच्चा ठीक था| लेकिन जैसे ही ड्यूटी में तैनात नर्स ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया वैसे ही उसका शरीर पहले लाल और फिर पीला हो गया| उसके बाद चंद घंटों में बच्चे की मौत हो गई|
बच्चे के माता- पिता ने आरोप लगाया है कि वार्ड में तैनात नर्स ने गलत इंजेक्शन लगा दिया था, जिससे बच्चे की मौत हो गई| अब इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए| उन्होंने कहा है कि इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को शिकायत लिख कर दे दी है| साथ ही बच्चे का पोस्टमार्टम करवाने की भी बात कही गई है| उधर, अस्पताल प्रशासन ने मामले की भनक लगते ही शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए उचित जांच करने का आश्वासन दिया है|
वहीँ मामले को लेकर डिप्टी एमएस राहुल गुप्ता ने कहा कि 17 सितंबर को रोहड़ू से आईजीएमसी के लिए 7 माह का एक बच्चा उपचार के लिए लाया गया था| जिसे बुखार के साथ खांसी थी| लेकिन सोमवार सुबह इंजेक्शन लगाते समय उसकी तबियत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई| बच्चे की मौत को लेकर माता- पिता ने अस्पताल प्रबंधन पर गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाया है| उन्होंने पोस्टमार्टम जांच करने की मांग की है| माता- पिता की मांग पर अब बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा| पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा|